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रांची स्मार्ट सिटी में निवेश के लिए भुवनेश्वर में इंवेस्टर्स मीट का आयोजन, निवेशकों को दिया गया ऑफर

रांची स्मार्ट सिटी में निवेश के लिए भुवनेश्वर में इंवेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया. इस मौके पर रांची के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि झारखंड भविष्य और अपार संभावनाओं वाला राज्य है. इसलिए निवेशकों को रांची स्मार्ट सिटी में निवेश जरूर करना चाहिए. कार्यक्रम के दौरान निवेशकों को कई ऑफर भी दिए गए हैं.

रांची: झारखंड में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन दिनों इंवेस्टर्स मीट किया जा रहा है. इसके तहत रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन की ओर से ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में इंवेस्टर्स मीट 2021 का आयोजन सोमवार को किया गया. इस अवसर पर रांची के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश में झारखंड भविष्य और अपार संभावनाओं वाला राज्य है. इसलिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के इच्छुक निवेशकों को रांची स्मार्ट सिटी में निवेश जरूर करना चाहिए.

मुकेश कुमार ने कहा कि देश के तमाम प्रतिष्ठित उद्योगपतियों, केंद्र सरकार के पीएसयू और देश के बड़े संस्थानों का संबंध झारखंड से जरूर रहा है, क्योंकि यहां पर खनिज संपदा के साथ-साथ मौसम और राज्य सरकार की ओर से बिजनेस व्यापार के लिए बनी नीतियां बेहद आकर्षित है. उन्होंने कहा कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस में पिछले 5 वर्षों में लगातार झारखंड प्रथम पांच राज्यों की पंक्ति में खड़ा है.

निवेशकों से रांची स्मार्ट सिटी में निवेश करने का आग्रह

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रांची स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के सीईओ अमित कुमार ने भुवनेश्वर के निवेशकों से रांची स्मार्ट सिटी में निवेश करने का आग्रह किया और कहा कि भुवनेश्वर में उच्च शिक्षा के लिए काफी संख्या में शैक्षणिक संस्थान हैं. जब हम रांची को एजुकेशन हब के रूप में विकसित कर रहे हैं तो आपका सहयोग जरूरी है. इस शहर को एजुकेशन हब बनाने में आपके अनुभव का महत्वपूर्ण योगदान मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन निवेशकों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं. निवेशकों को कोई असुविधा नहीं हो इसके लिए आकर्षक नीतियां बनाई गई हैं.

रांची को एजुकेशन हब के रूप में किया जाएगा विकसित

अमित कुमार ने कहा कि रांची स्मार्ट सिटी में ई ऑक्शन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और कॉन्टैक्टलेस है. देश के किसी भी कोने में बैठा निवेशक अपने पसंद के प्लॉट के लिए ऑक्शन में भाग ले सकते हैं. राज्य सरकार का उद्देश्य है कि झारखंड की राजधानी को एजुकेशन हब के रूप में विकसित किया जाए. ईज ऑफ लिविंग के लिहाज से शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जा रहा है. जो अंतिम दौर में हैं. स्मार्ट सिटी क्षेत्र में पारदर्शिता का ख्याल रखते हुए आवासीय, शैक्षणिक, स्वास्थ्य, व्यावसायिक, मिक्स यूज इत्यादि क्षेत्र के लिए चिन्हित प्लॉट्स के ई ऑक्शन को कॉन्टैक्टलेस बनाया गया है. इस पूरे क्षेत्र में प्रदूषणयुक्त इंडस्ट्री लगाने का कोई प्रावधान नहीं है.

इन्वेस्टर्स मीट 2021 में निवेशकों को ये दिया गया ऑफर

  • रांची को एजुकेशन हब बनाने के लिए निवेशकों को सरकार देगी पूरी सहायता
  • विश्व के टॉप 5 हंड्रेड यूनिवर्सिटी का कोई भी एक विश्वविद्यालय अगर दिलचस्पी दिखाता है तो उसे ₹1 में 25 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाएगी
  • शैक्षणिक क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां शैक्षणिक क्षेत्र के लिए चिन्हित प्लॉट्स पर ऑक्शन करेंगे तो उनका कीमत निवेशकों के लिए ऑफर आवासीय की तुलना में एक तिहाई रखा गया है
  • रांची स्मार्ट सिटी का मास्टर प्लान ट्रांसिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट पर आधारित है
  • किसी भी प्लॉट से 400 मीटर की दूरी के अंदर ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध होगा
  • निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए जीआईएस सब स्टेशन का निर्माण
  • कोई भी बिजली और टेलीफोन का तार स्मार्ट सिटी क्षेत्र के अंदर ओवरहेड वायर के रूप में नहीं दिखाई देगा
  • सभी यूटिलिटी सर्विसेज यूटिलिटी डक्ट के अंदर से होकर हर प्लॉट निवेशकों के लिए ऑफर तक पहुंचेगा
  • रांची स्मार्ट सिटी हर निवेशक को तकनीकी सहयोग के लिए तत्पर है
  • शहर के विकास में ग्रीन तकनीकी पर विशेष बल दिया गया है
  • ईज ऑफ लिविंग को प्रोत्साहित करने को ध्यान में रखते हुए विश्व स्तरीय योजनाएं बनाई गई है
  • नए शहर में रिन्यूएबल एनर्जी, सोलर सिस्टम, सीएनजी जल संरक्षण और पर विशेष जोर दिया गया है

निवेशकों के सामने रखा गया स्मार्ट सिटी का रूप रेखा

भुवनेश्वर में आयोजित इंवेस्टर्स मीट 2021 कार्यक्रम में रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक राकेश कुमार नंदकुलयार ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए स्मार्ट सिटी का रूप रेखा और विभिन्न क्षेत्र में कार्य कर रहे संभावित निवेशकों के सामने रखा. इस दौरान रांची स्मार्ट सिटी में क्या कुछ खास है उन हर पहलुओं से निवेशकों को अवगत कराया गया. स्मार्ट सिटी में निवेश के इच्छुक निवेशकों ने भी कई सवाल रखे जिसका जवाब नगर आयुक्त स्मार्ट सिटी, सीईओ और जीएम की ओर से दिया गया. कार्यक्रम में स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के पीआरओ अमित कुमार भी मौजूद रहे.

Ethos IPO: बुधवार को खुलेगा एथास का आईपीओ, यहां जानें इससे जुड़ी खास बातें

Ethos IPO: एथास का आईपीओ 18 मई को खुलेगा और यह 20 मई तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा. 25 मई को सफल बोलीदाताओं को शेयर आवंटित किए जाएंगे और 26 मई को असफल बोलीदाताओं के खातों में रिफंड जमा किया जाएगा.

Updated: May 17, 2022 1:45 PM IST

Bikaji Foods IPO Subscription Last Date

Ethos IPO: लग्जरी और प्रीमियम वॉच रिटेल प्लेयर एथास लिमिटेड की ₹472 करोड़ की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) सदस्यता के बुधवार को खुल रहा है. यह सब्सक्रिप्शन के लिए शुक्रवार, 20 मई, 2022 तक खुला रहेगा. फर्म ने इसके लिए ₹836-878 प्रति शेयर का मूल्य बैंड तय किया है.

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एथास आईपीओ से जुड़ी खास बातें-

  1. यह ऑफर सब्सक्रिप्शन के लिए 18 मई को खुलेगा और 20 मई को बंद होगा.
  2. ऑफर के लिए प्राइस बैंड 10 रुपये के अंकित मूल्य के 836-878 रुपये प्रति शेयर पर तय किया गया है. फ्लोर प्राइस फेस वैल्यू का 83.60 गुना और कैप प्राइस शेयर के फेस वैल्यू का 87.80 गुना है.
  3. कंपनी 375 करोड़ रुपये तक के शेयरों के ताजा निर्गम और शेयरधारकों और प्रवर्तकों द्वारा कुल 97.29 करोड़ रुपये के 1,108,037 शेयरों की बिक्री के प्रस्ताव के माध्यम से 472 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. प्रवर्तक की हिस्सेदारी 19.36 प्रतिशत घटेगी और वर्तमान में उनके पास 81.01 प्रतिशत हिस्सेदारी से घटकर 61.65 प्रतिशत हो जाएगी.
  4. आईपीओ में से 50 फीसदी ऑफर क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए, 35 फीसदी रिटेल निवेशकों के लिए और बाकी 15 फीसदी गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित है.
  5. कंपनी का इरादा ताजा इश्यू से प्राप्त शुद्ध आय का उपयोग कंपनी द्वारा 29.89 करोड़ रुपये की सीमा तक पूर्व-भुगतान या आंशिक रूप से या मौजूदा ऋण को चुकाने के लिए करना है. 234.96 करोड़ रुपये की राशि कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के वित्तपोषण के लिए, 33.27 करोड़ रुपये नए स्टोर खोलने और मौजूदा लोगों के नवीनीकरण के लिए और 1.98 करोड़ रुपये ईआरपी सिस्टम के उन्नयन के लिए उपयोग किए जाएंगे. शेष धनराशि का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा. कंपनी को ओएफएस हिस्से से कोई आय नहीं मिलेगी.
  6. निवेशक कम से कम 17 शेयरों के लॉट साइज और उसके गुणकों में बोली लगा सकते हैं. एक खुदरा निवेशक के लिए न्यूनतम निवेश 17 शेयरों के प्राइस बैंड के ऊपरी छोर पर 14,926 रुपये है. एक खुदरा निवेशक 1,94,038 रुपये में 13 लॉट या 221 शेयरों के लिए आवेदन कर सकता है.
  7. कंपनी को 5 नवंबर, 2007 को “कमला रिटेल लिमिटेड” के रूप में शामिल किया गया था. यह प्रीमियम और लक्जरी सेगमेंट में कुल बिक्री का 13 प्रतिशत हिस्सा और अनन्य में देखा जाने पर 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत का सबसे बड़ा लक्जरी और प्रीमियम वॉच रिटेल प्लेयर था. वित्तीय वर्ष 2020 में लग्जरी सेगमेंट.
  8. कंपनी के वॉच पोर्टफोलियो में 50 प्रीमियम ब्रांड हैं, जिनमें ओमेगा, आईडब्ल्यूसी शैफहाउसेन, जैगर लेकोल्ट्रे, पनेराई, बीवलगारी, एच मोजर एंड सी, राडो, लॉन्गिंस, बॉम एंड मर्सिएर, ओरिस एसए, कोरम, कार्ल एफ बुचरर, टिसोट, रेमंड वेइल, लुइस शामिल हैं. मोइनेट और बाल्मैन.
  9. इसके नेटवर्क में 17 शहरों में 50 भौतिक खुदरा स्टोर शामिल हैं और किसी भी समय स्टॉक में 7,000 विभिन्न प्रीमियम घड़ियाँ और 30,000 घड़ियाँ हैं.
  10. अपने प्रीमियम और लक्ज़री वॉच रिटेल के अलावा, एथास नई दिल्ली में ‘सर्टिफाइड प्री-ओव्ड’ लक्ज़री वॉच लाउंज के तहत प्रमाणित प्री-ओन्ड लक्ज़री घड़ियों की रिटेल भी करता है.
  11. लग्जरी और हाई लग्जरी वॉच की बिक्री वित्त वर्ष 19 में कुल बिक्री का 46.06 प्रतिशत, वित्त वर्ष 2015 के दौरान 48.09 प्रतिशत, वित्त वर्ष 21 में 58.00 प्रतिशत और 31 दिसंबर, 2021 को समाप्त 9 महीने की अवधि के दौरान 64.41 प्रतिशत रही.
  12. वित्त वर्ष 2011 के लिए, एथास ने एक साल पहले 457.85 करोड़ रुपये के मुकाबले 386.57 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो 15.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. इस अवधि के लिए शुद्ध लाभ 5.79 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल 1.33 निवेशकों के लिए ऑफर करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. दिसंबर 2021 को समाप्त नौ महीनों के लिए, कंपनी ने पूरे वित्त वर्ष 2011 में हासिल की तुलना में अधिक राजस्व अर्जित किया. वित्त वर्ष 22 के पहले नौ महीनों के दौरान कंपनी ने 418.59 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया और इस अवधि के लिए शुद्ध लाभ 15.99 करोड़ रुपये हो गया.
  13. कंपनी की ताकत लक्जरी ग्राहकों के एक बड़े आधार तक इसकी पहुंच और आकर्षक लक्जरी-घड़ी बाजार में नेतृत्व की स्थिति में निहित है. एक आकर्षक इन-स्टोर अनुभव के साथ रणनीतिक रूप से स्थित और अच्छी तरह से निवेशित स्टोर नेटवर्क के साथ डिजिटल और ओमनीचैनल कॉमर्स की इसकी गहरी समझ एथास को अपने प्रतिस्पर्धियों पर एक रणनीतिक बढ़त प्रदान करती है.
  14. 25 मई को सफल बोलीदाताओं को शेयर आवंटित किए जाएंगे और 26 मई को असफल बोलीदाताओं के खातों में रिफंड जमा किया जाएगा. शेयरों को 27 मई तक सफल बोलीदाताओं के डीमैट खाते में जमा किया जाएगा और 30 मई को स्टॉक एक्सचेंजों पर शुरू होगा.

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शेयर बायबैक: निवेशकों को कैसे हो सकता है फायदा? यहां मिलेगी पूरी जानकारी

share Buybacks:शेयर बायबैक क्‍या होते हैं. सबसे बडी बात निवेशक कैसे इससे लाभांवित हो सकते हैं. ये जानना बहुत जरूरी है.

  • Sakshi Batra
  • Publish Date - April 17, 2021 / 12:44 PM IST

शेयर बायबैक: निवेशकों को कैसे हो सकता है फायदा? यहां मिलेगी पूरी जानकारी

शेयर बायबैक को लेकर आम लोगों के मन में कई सवाल होते हैं. मसलन, ये क्‍या होते हैं. इसको लेकर कंपनियों की रणनीति क्‍या होती है. और सबसे अहम सवाल कि निवेशकों को इससे कैसे फायदा हो सकता है? यहां हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देंगे.

सभी फाइनेंशियल न्यूज़ और पोर्टल ने इन्फोसिस द्वारा 9,200 करोड़ रुपये के बायबैक (Buybacks) ऑफर पर चर्चा की है. यह वित्त वर्ष 2021-22 का पहला बायबैक हो सकता है, लेकिन फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में इंडिया इंक ने करीब 40, 000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं. कंपनियां ये रास्‍ता क्‍यूं पकड़ रही हैं? साथ ही, रिटेल इन्वेस्टर को इससे कैसे फायदा होगा. आइए पहले देखते हैं कि बायबैक (Buybacks) का क्या मतलब है.

बायबैक क्या है?
बड़े नकदी भंडार पर बैठी कंपनियां जिनके पास वैकल्पिक निवेश के अवसर नहीं हैं, वे शेयरधारकों को अतिरिक्त धन वापस करने का विकल्प चुनती हैं. ऐसी कवायद जिसमें कोई कंपनी अपने शेयरों की दोबारा खरीद करती हैं, इसे ही बायबैक कहा जाता है. यह लाभांश के अलावा शेयरधारक को रिवॉर्ड देने का एक और तरीका है. अधिकांश बायबैक बाजार मूल्य से प्रीमियम पर किए जाते हैं और यह शेयरधारकों के लिए लाभदायक होता है.

बायबैक से शेयरधारक को दो तरीकों से होता है फायदा
बायबैक शेयरधारक को दो तरीकों से लाभान्वित करता है. सबसे पहले, जब कोई कंपनी किसी निश्चित मूल्य पर शेयर खरीदने के लिए प्रतिबद्ध होती है, तो यह एक संकेत के रूप में समझा जाता है कि कंपनी को उस कीमत पर स्टॉक खरीदने का भरोसा है. यह स्टॉक के लिए मनोवैज्ञानिक आधार मूल्य के रूप में कार्य करता है. दूसरा, बायबैक ने वापस खरीदे गए शेयर रदद कर दिए जाते हैं, जिससे शेयर की संख्या कम हो जाती है जो बदले में कंपनी के प्रति शेयर (ईपीएस) की आय में वृद्धि करती है, जिससे यह शेयरधारकों के लिए मूल्य वर्धक होता है.

बायबैक से आपको कैसे फायदा होता है?
एक शेयरधारक के दृष्टिकोण से, बायबैक बोनस या लाभांश से बेहतर होते हैं. क्योंकि उन्हें अपने लाभों को अधिकतम करने के लिए विभिन्न विकल्पों के बीच चयन करना होता है. जो निवेशक स्टॉक में निवेश नहीं करना चाहते हैं, आमतौर पर बाहर निकलने के लिए वे बायबैक ऑफर का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि, यह बाजार मूल्य पर एक महत्वपूर्ण प्रीमियम पर है.
दूसरी ओर, आप बायबैक में भाग नहीं लेना चाहते हैं, तब भी आपको लाभ होगा. चूंकि बायबैक से बकाया शेयरों की संख्या में कमी आएगी जिससे प्रति शेयर आय में सुधार होगा.

बायबैक के तरीके
ऐसे कई तरीके हैं जिनसे कोई कंपनी बायबैक कर सकती है, जैसे कि डायरेक्ट बायबैक, ओपन मार्केट, फिक्स्ड प्राइस टेंडर ऑफर और डच ऑक्शन टेंडर निवेशकों के लिए ऑफर ऑफर. भारत में बायबैक के लिए जाने वाली कंपनियां आमतौर पर खुले बाजार या फिक्स्ड प्राइस टेंडर ऑफर का विकल्प चुनती हैं. आइए समझते हैं कि ये क्या हैं.

ओपन मार्केट: इस मामले में, कंपनी खुले बाजार से खरीदती है जो उसके द्वारा निर्धारित अधिकतम मूल्य तक होती है. इसका मतलब यह है कि एक बार बायबैक शुरू होने के बाद कंपनी प्रचलित बाजार मूल्य पर उन शेयरों की पुनर्खरीद करती है जो बायबैक मूल्य से निवेशकों के लिए ऑफर कम हो सकते हैं. कंपनी शेयर खरीद शुरू करती है, इससे शेयरों की मांग में उछाल के कारण कीमतों में तेजी आ सकती है. हालांकि, कंपनी बायबैक में अधिसूचित कीमत तक ही खरीदारी करेगी. आमतौर पर, ये ऑफर लंबी अवधि के लिए होते हैं ताकि कीमत में उतार-चढ़ाव बना रहे. प्रमोटरों को इस बायबैक में भाग लेने की अनुमति नहीं है.

फिक्स्ड टेंडर ऑफर: प्रमोटरों सहित सभी शेयरधारक इस प्रकार की बायबैक योजना में भाग ले सकते हैं. शेयरहोल्डर्स के पास कंपनी द्वारा तय की गई कीमत पर बायबैक अवधि के दौरान कंपनी को शेयर वापस करने का विकल्प होता है. इस पद्धति में, कंपनीशेयरों को पुनर्खरीद fixed buyback पर करेगी. वह बाजार से बायबैक मूल्य के नीचे खरीद सकती है.

इंफोसिस का ही मामला लीजिए। शेयर 1,350-1,360 रुपये के बीच है, लेकिन खुले बाजार के मार्ग के माध्यम से बायबैक मूल्य 1,750 रुपये निर्धारित किया गया है. शेयरधारकों द्वारा बायबैक को मंजूरी दिए जाने के बाद कंपनी बायबैक ओपन और क्लोज डेट की घोषणा करेगी. चूंकि यह एक खुला प्रस्ताव मार्ग है, इसलिए कंपनी उस समय प्रचलित बाजार दरों पर शेयरों को 1,750 रुपये तक पुनर्खरीद करेगी.

शेयरधारक के दृष्टिकोण से, 1,750 रुपये की बायबैक कीमत स्‍टॉक के लिए मनोवैज्ञानिक आधार मूल्य के रूप में कार्य करती है. जब तक आपको वास्तव में पैसे की आवश्यकता होती है या कंपनी की भविष्य की संभावनाओं पर मंदी होती है, तब तक निवेश में बने रहना बेहतर होता है.

निवेशकों के लिए यह सप्ताह अपडेट से भरपूर : 4 कंपनियों का आईपीओ इस सप्ताह होगा ओपन

निवेशकों के लिए यह सप्ताह अपडेट से भरपूर रहेगा। 4 कंपनियों का आईपीओ इस सप्ताह ओपन होगा। इसी में से देश में सबसे ज्यादा बिकानेरी भुजिया का उत्पादन करने वाली कंपनी बीकाजी फूड्स कंपनी भी शामिल है। कंपनी का आईपीओ (IPO) 3 नवंबर को खुल रहा है। बता दें, इस कंपनी के ब्रांड एंबेसडर अमिताभ बच्चन हैं। आइए डीटेल्स में जानते हैं इस आईपीओ के विषय में –

क्या है GMP?

IPOwatch वेबसाइट के मुताबिक रविवार को कंपनी ग्रे मार्केट (GMP) में 90 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रही थी। हालांकि, बीकाजी फूड्स ने अपने आईपीओ का प्राइस बैंड अभी तक घोषित नहीं किया है। बता दें, इस कंपनी के आईपीओ पर दांव लगाने वाले निवेशकों के पास 7 नवंबर 2022 तक का समय रहेगा।

बीकाजी का इरादा IPO से 1,000 करोड़ रुपये जुटाने का है। इसके अलावा कंपनी के प्रमोटर्स 2.94 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश लाएंगे। ये सभी शेयर ऑफर फॉर सेल के तहत उपलब्ध रहेंगे। ऑफर फॉर सेल के तहत शिव रतन अग्रवाल, दीपक अग्रवाल, इंडिया 2020 महाराजा, इंटेंसिव सॉफ्टशेयर और आईआईएफएल ऑपरच्युनिटिज़ इस आईपीओ का हिस्सा होंगे।

कंपनी ने आईपीओ का 50 प्रतिशत क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स के लिए रिजर्व रखा है। वहीं, 15 प्रतिशत NIIs और 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इंवेस्टर्स के लिए आरक्षित है। आईपीओ के लिडिंग मैनेजर्स जेएम फाइनेंशियल, एक्सिस कैपिटल, आईआईएफएल सिक्योरिटीज़ इंटेंशिव फिस्कल सिक्योरिटीज़ और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी है। कंपनी एनएसई और बीएसई दोनों जगह लिस्ट होगी।

बता दें, बीकाजी भारत की तीसरी सबसे बड़ी स्नैक्स बनाने वाली कंपनी है। कंपनी भारत के अलावा विदेशी धरती पर भी अपनी पहचान बना चुकी है। ग्रोथ की बात करें तो इंडियन ऑर्गेनाइज़्ड स्नैक्स मार्केट में दूसरी सबसे तेज ग्रो करने वाली कंपनी है।

Zomato IPO: निवेशक झटपट ले रहे ऑफर, कितने रिस्क हैं इस ऑर्डर के अंदर?

Zomato IPO खुलते ही टूट पड़े खुदरा निवेशक, पहले घंटे में ही बिक गए सारे शेयर

Zomato IPO: निवेशक झटपट ले रहे ऑफर, कितने रिस्क हैं इस ऑर्डर के अंदर?

जोमैटो (Zomato) ने पिछले साल जिन 40 करोड़ ऑनलाइन ऑर्डर्स की डिलिवरी की, क्या उनमें से एक ऑर्डर आपका भी था? ऐसा हुआ ही होगा, क्योंकि हम करीब 16 महीनों से अपनी-अपनी डिजिटल गुफाओं में कैद हैं. और अब आप सिर खुजा कर सोचेंगे कि निवेशकों के लिए ऑफर क्या आपको जोमैटो के आईपीओ (Zomato IPO) में निवेश करना चाहिए?

सोशल मीडिया के दिलकश लेबल्स की तरफ हम खिंचे जा रहे हैं. भारत की पहली यूनिकॉर्न फूड-टेक कंपनी, पहला लिस्टेड कंज्यूमर इंटरनेट फ्लेटफॉर्म, उसकी 75,000 करोड़ रुपए की मार्केट वैल्यू- यह तो ताज होटल्स, ओबरॉय होटल्स, लीला होटल्स और बाकी की 17 बड़ी हॉस्पिटैबिलिटी कंपनियों से भी ज्यादा है.

मन ललचा गया, है ना? आखिर, ग्रे मार्केट में इसके शेयरों का भाव करीब 10 रुपए के प्रीमियम पर चल रहा है. कंपनी आत्मविश्वास से लबालब है. सेबी में आवेदन करने के सिर्फ तीन महीने में उसका ऑफर साइज 1500 करोड़ रुपए और वैल्यू 15,000 करोड़ रुपए हो चुका है. खबरें मिल रही हैं कि बड़े विदेशी इनवेस्टर्स आईपीओ में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

अब आया न जोश, दिल की धड़कनें तेज होने लगीं, पसीने छूटने लगे- क्या मुझे भी शेयर खरीदने चाहिए? कितने? अगर मैं अपनी सारी जमा पूंजी इसमें निवेशकों के लिए ऑफर लगा दूं तो भी क्या मुझे सिर्फ 100 शेयर्स मिल सकते हैं?

एक ऐसी नशीली भगदड़ जिसमें जोखिम भी है और लालच भी

लेकिन हो सकता है, मन में कुछ उधेड़बुन हो. अभी आपकी उम्र ही क्या है. बीसेक साल. आपने कोविड-19 के दौरान इक्विटी बाजार में कदम रखा है. इस समय करने को क्या था? सिवाय इसके कि पूरा दिन कंप्यूटर के स्क्रीन के आगे बैठे रहो. फिर जब आपके दोस्तों में शेयर बाजार में हाथ पैर मारने शुरू किए और आपको बताया कि यहां कितना मुनाफा है तो आपके लिए भी खुद पर काबू पाना मुश्किल हो गया.

जब निफ्टी फिफ्टी इंडेक्स 8000 से दोगुना होकर करीब 16000 पर ट्रेड करने लगे तो कौन निवेशकों के लिए ऑफर खुद को रोक सकता है. अब आपका बुजुर्ग आपको हमेशा तीन चीजों से दूर रहने की सलाह देता है- स्मोकिंग, ड्रिंकिंग और स्टॉक्स में गैंबलिंग- ये कभी मत करना. वह कहेगा है- ‘इस सट्टेबाजी ने बहुतों की जिंदगियां तबाह की हैं. यह कभी मत करना, अपना पैसा बैंक के एफडी में संभालकर रखना.’ साफ बात है. यह ऐसी नशीली भगदड़ है जिसमें जोखिम, डर और लालच है. और वह बुजुर्ग इससे तालमेल नहीं बैठा पाता.

जोमैटो IPO: पैसा लगाना चाहिए? कितने का शेयर? कैसे रिटर्न की उम्मीद?- जानिए

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तभी आपकी छुटकी बहन आ धमकती है. तेज दिमाग और सवालों से भरी हुई. हमेशा इस कोशिश में रहती है कि आपकी दुनिया की सारी विचित्र कल्पनाओं के एक एक तार अलग कर खींच डाले. ख्याली पुलाव अभी अधपका ही था कि उसने सवाल दागा: ‘भइया, बताओ. सभी लोग जोमैटो के आईपीओ के पीछे पगलाए से क्यों हैं? क्या उन्हें नहीं पता कि कंपनी जबरदस्त घाटे में है? यहां देखो. पिछले साल उसने 2,605 करोड़ रुपए की कीमत का खाना बेचा, लेकिन उसे 2,386 करोड़ रुपए का घाटा हुआ.

'मुझे लगता है कि तुम वही गलती करोगे जो तुमने बिटकॉइन में की थी. तुमने 60,000 डॉलर में खरीदा था लेकिन कुछ ही हफ्तों में उसकी कीमत गिरकर 30,000 डॉलर हो गई थी. इसलिए जरा सावधान रहना.’

सही स्टॉक खरीदिए, लेकिन सही समय पर

यह सुनकर आपने निवेशकों के लिए ऑफर सोचा, क्यों न यह पता लगाया जाए कि कंपनी की असली वैल्यू क्या है. अमेरिका, चीन और यूरोप की सभी फूड-टेक कंपनियां घाटे में चल रही हैं. तो, अच्छी बात यह है कि जोमैटो के साथ कुछ नया निवेशकों के लिए ऑफर नहीं हो रहा. सभी बहुत ही महंगी हैं. अपनी साल भर की कमाई से दो से सात गुना कोट करती हैं.

हां, जोमैटो ने जरा ज्यादा ऊंची उड़ान भर ली- करीब आठ गुना. पर यह रुकावट उतनी अहम नहीं. असल समस्या यह है कि इस साल छह में से चार ओवरसीज़ स्टॉक्स ने नेगेटिव रिटर्न दिया है. सिर्फ अमेरिकी कंपनी डूरडैश की कीमत बढ़ी है. इस लिहाज से जोमैटो के आईपीओ की कीमत एक पेचीदा मामला है.

ऐसे में आप किसी बड़े सयाने से पूछते हैं, ‘सर, मैं क्या करूं? क्या मुझे अपनी जमा पूंजी से जोमैटो का आईपीओ खरीदना चाहिए?’

बड़ा सयाना कहता है, ‘बेटा जी. आप स्टॉक एक्सचेंज में दो गलतियां कर सकते हैं. आप एक अच्छी कंपनी के स्टॉक गलत या ऊंची कीमत में खरीद सकते हैं. या आप बुरी कंपनी के स्टॉक अच्छी या कम कीमत में खरीद सकते हैं. दोनों हालात में आपको नुकसान होगा, क्योंकि जरूरी यह है कि आप अच्छी कंपनी के स्टॉक सही कीमत पर खरीदें. फिर आपको इस बात पर भी सोचना चाहिए कि क्या आप इक्विटी को लंबे समय तक होल्ड कर सकते हैं.

जब तक आपको ज्यादा से ज्यादा रिटर्न न मिले तब तक आपको बाजार के उतार-चढ़ाव को झेलना होगा. अब इसमें कोई शक नहीं कि जोमैटो एक कंज्यूमर इंटरनेट प्लेटफॉर्म है जिसके विकास की रेखा ऊंची चढ़ी है. लेकिन यह बहुत महंगा भी है. स्टॉक मार्केट में इसकी वैल्यू बढ़ने में सालों लगेंगे- शायद दस साल भी लग जाएं. और बिटकॉइन की तरह, इसे भी कारोबारी चक्र में बड़े पैमाने पर उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है, अनचाहे हालात से जूझना पड़ सकता है. क्या तुम्हारी ऐसी माली हालत है कि इन बदलावों को झेल सको?’

आपने जवाब दिया, ‘नहीं सर. मैं जानता हूं कि जब कुछ ही दिनों में मेरा बिटकॉइन इनवेस्टमेंट धड़ाम से गिरा था तो मैं कितना घबरा गया था. मैं एक मिडिल क्लास का लड़का हूं. मैं इतने उतार-चढ़ाव को बर्दाश्त नहीं कर सकता.’

बड़े सयाना फिर से कहता है, ‘इस हालत में मेरे बच्चे, इस स्टॉक को बड़े निवेशकों के लिए छोड़ दीजिए जिनमें सालों तक शेयर को होल्ड करने की काबिलियत होती है. जो जानते हैं कि डिजिटल दुनिया में तेज बदलाव होते हैं. जब कीमतें गिरती हैं तो उनके पास नुकसान को सहने की ताकत होती है. ऐसे ही जब कीमतें आसमान छूती हैं तो वे चांदी काट सकते हैं. आपके पास न तो जानकारी है, न ही क्षमता या साधन.

आपको मेरी यह सलाह है कि बड़े खिलाड़ियों को ही यह खेल खेलने दें. आप वह करें, जिसमें आपको आसानी है. फिलहाल आप तो उस लजीज़ पकवान का लुत्फ उठाइए जो आपने जोमैटो से ऑर्डर किया है.’

बूंद-बूंद 'उधार की दवाई', ऐसे तो दूर न होगी इकनॉमी की रुसवाई

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