Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

SC ने पूछा- बिटकॉइन वैध हैं या अवैध
इस पर खंडपीठ ने कहा कि यह अवैध है या नहीं. खंडपीठ ने साथ ही कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गत साल जुलाई में स्थिति रिपोर्ट पेश की थी. खंडपीठ ने कहा कि जांच अधिकारी आरोपी के जांच में सहयोग करने के संबंध में स्थिति रिपोर्ट पेश करेंगे. मामले की सुनवाई अगले चार सप्ताह के लिये स्थगित कर दी गयी है.
Supreme Court ने कहा- Bitcoins वैध हैं या अवैध, इस पर अपना रुख स्पष्ट करे सरकार
By: IANS एजेंसी | Updated at : 25 Feb 2022 Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख 01:50 PM (IST)
Edited By: Meenakshi
Bitcoin: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से आज कहा है कि वह बिटकॉइन (Bitcoin) पर अपना रुख स्पष्ट करे कि यह वैध हैं या अवैध. मौजूदा समय में देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के इस्तेमाल पर कोई प्रतिबंध नहीं है और न ही इनका कोई नियमन (Regulator) है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख कांत की दो सदस्यीय खंडपीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी को कहा, 'आपको अपना रुख स्पष्ट करना होगा.'
87,000 बिटकॉइन से जुड़ा है मामला
खंडपीठ केंद्र सरकार के खिलाफ अजय भारद्वाज द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. वकील शोएब आलम ने भारद्वाज की मंजूर की गयी जमानत याचिका खारिज करने की मांग की. ऐश्वर्य भाटी ने खंडपीठ को बताया था Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख कि यह मामला 87,000 बिटकॉइन से जुड़ा है और आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और उसे कई समन भेजे गये हैं. मामले की सुनवाई कर रहे जजों ने आरोपी को जांच अधिकारी से मुलाकात करने का निर्देश दिया और जांच में सहयोग करने के लिये कहा.
Cryptocurrency भारत में इलीगल है या नहीं, स्पष्ट करे केंद्र सरकार : सुप्रीम कोर्ट
crypto illegal in India or not : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि देश में क्रिप्टोकरेंसीज (cryptocurrencies) लीगल हैं या नहीं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सूर्यकांत ने 20,000 करोड़ रुपये के गेनबिटकॉइन स्कैम (GainBitcoin scam) से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए नरेन्द्र मोदी की अगुआई वाली सरकार से क्रिप्टो की लीगलिटी पर अपना रुख साफ करने के लिए कहा है।
20 हजार करोड़ के स्कैम की सुनवाई कर रहा था सुप्रीम कोर्ट
वर्ष 2018 में अमित भारद्वाज और उनके भाई विवेक (दोनों एक अन्य भाई अजय के साथ गेनबिटकॉइन स्कैम में आरोपी हैं) को एक कथित पोंजी स्कीम (Ponzi scheme) में मिलीभगत में दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, जिसके जरिये उन्होंने देश भर के 8,000 लोगों को चूना लगाया था।
Cryptocurrency पर बड़ी खबर- बैन पर नरम पड़ सकती है सरकार? RBI और SEBI के बीच रेगुलेट करने पर चर्चा: सूत्र
Cryptocurrency latest news: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों के लिए राहत की खबर है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही इसके फ्रेमवर्क पर आखिरी फैसला हो सकता है और नियमों में ढील दी जा सकती है.
Cryptocurrency latest news: भारत में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी तौर पर मान्य नहीं है. लेकिन ये गैरकानूनी भी नहीं है. इसमें पैसा लगाने वालों के हितों का ख्याल रखने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार इसके लिए फ्रेमवर्क तैयार कर रही है. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल करेंसी होती है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं है और अभी तक किसी देश में इसे कोई कंट्रोल नहीं करता. साल 2009 में शुरू होने के बाद अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से इनकी कीमतों में बड़ी तेजी देखने को मिली है.
पूरी तरह से बैन नहीं होगी क्रिप्टोकरेंसी?
पिछले काफी समय से यह सवाल उठ रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य क्या है? इस बीच खबर आ रही है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रुख नरम कर सकती है. सूत्रों की मानें तो भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन में थोड़ी नरमी दी जा सकती है. ज़ी बिज़नेस चैनल को एजेंसी के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकारी सूत्रों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा पर RBI, SEBI में सहमति नहीं बनी है.
Cryptocurrency को RBI एसेट मानने को तैयार नहीं है. वहीं, SEBI भी इसे कमोडिटी नहीं मानता. दरअसल, सरकार चाहती है कि क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वालों के लिए रेगुलेशन बनने चाहिए. इसके फ्रेमवर्क पर भी काम चल रहा है. चर्चा है कि RBI और SEBI मिलकर क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियम तैयार कर रहे हैं और दोनों ही क्रिप्टो को रेगुलेट करेंगे.
सरकार करेगी आखिरी फैसला
क्रिप्टोकरेंसी के कानून (Law on Cryptocurrency) पर आखिरी फैसला सरकार को करना है. लेकिन, इसका फ्रेमवर्क क्या होगा और किस तरह से इसे रेगुलेट किया जाएगा, इस पर अभी सफाई नहीं है. सूत्रों की मानें तो बजट 2022 में इसे रेगुलेट करने Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख के लिए कानून लाया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश (Cryptocurrency Investment) करने वालों को उनका पैसा डूबने का खतरा नहीं होगा. बता दें, RBI ने अगस्त 2021 की अपनी मॉनटरी पॉलिसी के दौरान यह इशारा दिया था कि RBI अपनी डिजिटल करेंसी पर भी काम कर रहा है और साल के अंत तक इसका मसौदा तैयार हो सकता है. RBI Governor शक्तिकांता दास ने कहा कि डिजिटल करेंसी का मॉडल साल के अंत तक आ जाएगा.
डिजिटल करेंसी (Indian Digital Currency) की टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रीब्यूशन पर काम चल रहा है. ये कैसे काम करेगी इसका फ्रेमवर्क भी तैयार हो रहा है. RBI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के वेबिनार में कहा था कि भारत को भी डिजिटल करेंसी की जरूरत है. यह बिटकॉइन जैसी प्राइवेट वर्चुअल करेंसी यानी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाले नुकसान से बचाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक इस पर काम कर रहा है. RBI ने साफ कर दिया है कि प्राइवेट वर्चुअल करेंसी को लेकर उसने सरकार को अपनी चिंताएं बता दी हैं.
इस साल नहीं आएगा क्रिप्टो करेंसी बिल, जानिए अब क्या है केंद्र सरकार की तैयारी
Amod Rai | Edited By: प्रदीप शुक्ला
Updated on: Dec 15, 2021 | 9:22 PM
संसद के इस मौजूदा शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो करेंसी पर बिल आने की संभावना नहीं है. इस मुद्दे पर अभी बहुत सारी व्यापक चर्चा होना बाकी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जब तक इसपर समग्रता से चर्चा और विचार नहीं हो जाता तबतक क्रिप्टो बिल नहीं आएगा. सूत्रों का कहना है कि सरकार क्रिप्टो को लेकर किसी भी तरह की हड़बड़ी में नहीं है. आपको बता दें कि इससे पहले सत्र यानी मॉनसून सेशन में इस बिल को शामिल किया गया था.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कई बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की थी और जल्द इस मुद्दे से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा था. इसके अलावा आरबीआई भी इसे लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है. रिजर्व बैंक के गवर्नर ने तो इसे बड़ा खतरा बताया है.
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी
इसकी शुरुआत साल 2008 के फाइनेंशियल क्राइसिस से होती है. जब लोगों का बैंकिंग सिस्टम से भरोसा उठ गया था. साल 2009 में एक जापानी वैज्ञानिक सतोषी नाकामोतो ने बिटकॉइन का अविष्कार किया.
तब किसी को कुछ पता नहीं था कि आखिर ये क्या बला है. तब इसे क्रिप्टो करेंसी कहा गया. क्रिप्टो यानी ग्रीक भाषा में सीक्रेट यानी गुप्त मुद्रा.
आज दुनिया में क़रीब 8 हज़ार से ज़्यादा क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं. हालांकि मशहूर बिटकॉइन ही है. अब आपके मन में बिटकॉइन को लेकर सवाल उठ रहे होंगे? आइए पहले इसे ही जान लेते है.
क्या है सरकार की तैयारी
सूत्रों की मानें तो 23 दिसंबर को समाप्त होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में क्रिप्टोकरेंसी कानून पेश नहीं किया जाएगा. बिल का संसद के दोनों सदनों के एजेंडे में भी कोई भी जिक्र नहीं है.
सूत्रों के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी बिल पर अभी भी काम चल रहा है और सरकार अभी भी नियामक प्रावधानों को अंतिम रूप दे रही है.
बिटक्वाइन से जुड़े मामले में मांगी सफाई
यह मामला अजय भारद्वाज और कुछ अन्य पर निवेशकों को ज्यादा रिटर्न का लालच देकर बिटकॉइन में कारोबार में संलिप्त करने से जुड़ा हुआ है. आरोपी ने अपने खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों को निरस्त करने का आग्रह किया हुआ है. सरकार की तरफ से पेश हुईं ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि देश भर में आरोपी के खिलाफ 47 प्राथमिकी दर्ज हैं लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. इनमें 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के 87,000 बिटकॉइन के कारोबार के आरोप लगे हैं. इस पर पीठ ने याची को प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए कहा कि उसे दो दिनों के भीतर जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा. इस बारे में चार हफ्ते बाद स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा. हालांकि न्यायालय ने आरोपी भारद्वाज को हिरासत में लेने पर लगाई गई रोक अगली सुनवाई तक बरकरार रखी है.
हाल ही में वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने कहा था कि देश में चल रही निजी क्रिप्टोकरेंसी वैध नहीं है और भविष्य में इसकी वैधानिक स्थिति के बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं कहा जा सकता. कराड ने इस मामले पर संवाददाताओं से पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि भारत में (निजी) क्रिप्टोकरेंसी को रिजर्व बैंक या सरकार की ओर से कोई मान्यता नहीं दी गई है. क्रिप्टोकरेंसी देश में फिलहाल वैध नहीं है. उन्होने कहा कि वह अभी नहीं बता सकते कि भविष्य में निजी क्रिप्टोकरेंसी को वैध किया जाएगा या नहीं? उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में सरकार के शीर्ष स्तर पर चर्चा होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा कराड ने कहा,‘‘ऐसी खबरें हैं कि कुछ लोगों ने (निजी) क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. लिहाजा क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन से अर्जित लाभ पर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव हाल ही में पेश आम बजट में किया गया है’’