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इक्विटी शेयर के प्रकार

इक्विटी शेयर के प्रकार
बैंक ने अक्टूबर 2019 में बैंक ऑफ बड़ौदा कर्मचारी शेयर खरीद योजना 2019 के अंतर्गत बैंक के पात्र कर्मचारियों को इक्विटी शेयर भी जारी किए हैं. बैंक ने मार्च 2021 में क्यूआईपी इश्यू के अंतर्गत क्यूआईबी को इक्विटी शेयर भी जारी किए हैं.

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Multibagger : इस स्मालकैप स्टॉक ने 1 लाख रुपये बना दिए 49 लाख, लगे सिर्फ 3 साल, अब आ रहा राइट इश्यू

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Hazoor Multi Projects Shares : हजूर मल्टी प्रोजेक्ट्स लि. वैसे तो महज 84 करोड़ रुपये की मार्केट वैल्यू के साथ एक स्मालकैप कंपनी है, लेकिन रिटर्न के मामले में बड़ी-बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़ रही है। कंपनी ने पिछले तीन साल के दौरान 4,900 फीसदी रिटर्न दिया है इक्विटी शेयर के प्रकार और अब राइट इश्यू की वजह से सुर्खियों में है। कंपनी के बोर्ड ने राइट इश्यू जारी करने को मंजूरी दे दी है, जिनकी वैल्यू 45 करोड़ से ज्यादा नहीं होगी।

स्माल कैप (Small cap) कंपनी Hazoor Multi Projects Ltd (HMPL) कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी इंडस्ट्री में कारोबार करती है। सड़क निर्माण में कंपनी को विशेषज्ञता हासिल है। देश भर के हाईवे कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में एचएमपीएल के पास कई ग्राहक हैं।

शेयर और डिबेंचर में अंतर क्या है | Difference between share and इक्विटी शेयर के प्रकार इक्विटी शेयर के प्रकार debenture in hindi

तात्कालिक समय में शेयर और डिबेंचर में निवेश करना व्यापार का एक अच्छा माध्यम बन गया है. समाज के किसी भी तबके, जाति धर्म के लोग इसके अंतर्गत अपने मेहनत से कमाए गये पैसे इस उद्देश्य और उम्मीद से निवेश करते हैं कि उसके एवज में उन्हें अच्छा ख़ासा ब्याज रिटर्न के तौर पर प्राप्त हो सकेगा. एक तरफ जहाँ शेयर किसी कंपनी के कैपिटल का शेयर होता है, वहीँ पर डिबेंचर एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के तौर पर सामने आता है. इसमें कंपनी एक तय दर से निवेशकों को लाभ पहुंचाती है. यहाँ पर इन दोनों का वर्णन किया जा रहा है.

किसी कंपनी के सबसे छोटे हिस्से को शेयर कहा जाता है. यह शेयर ओपन मार्केट में सेल के लिए लाया जाता है. इसकी सहायता से किसी कंपनी के कैपिटल में वृद्धि की जाती है. जिस क़ीमत पर यह शेयर लोगों को प्राप्त होता है, उसे शेयर प्राइस कहा जाता है. यह शेयर कंपनी के मालिकाना हक़ में शेयरहोल्डर का हिस्सा दर्शाता है. शेयर आमतौर पर स्थानांतरित किये जा सकते हैं और किसी कंपनी के लिए ये विभिन्न संख्या इक्विटी शेयर के प्रकार में मौजूद रहते हैं. शेयर मार्केट की जानकारी यहाँ पढ़ें.

Share क्या होते है – [2022 ] What Is Share Meaning In Hindi

Share क्या होते है - What Is Share Meaning In Hindi

Share क्या होते है – What Is Share Meaning In Hindi


Share क्या होते है , What Is Share Meaning In Hindi – जब एक कंपनी अपनी पूंजी को छोटे – छोटे टुकड़ो में बाँट देती है तो उस सबसे छोटे टुकड़े जिसके और टुकड़े नहीं हो सकते है उसे Share (अंश) कहते है।

मान लीजिये एक कंपनी है जिसकी कुल पूंजी 1 करोड़ रुपये है और वह कंपनी अपनी इस पूंजी को 1 लाख छोटे – छोटे टुकड़ो में बाँट देती है तो (10000000/100000)=100 रुपये, यह इस कंपनी की पूंजी का वह सबसे छोटा टुकड़ा है जिसके और टुकड़े नहीं हो सकते है और इस 100 रुपये को ही कंपनी का 1 Share कहते है।

Share के प्रकार (Types of Share)

Share क्या होता है यह तो जान लिया अब यह जानते है की शेयर कितने प्रकार के होते है – What Are The Types of Share

भारत में मुख्यतः 3 प्रकार के शेयर होते है –

1. Equity Share (इक्विटी शेयर): Company के असली मालिक इक्विटी शेयर होल्डर होते है। कंपनी को चलाने सम्बंधित सभी निर्णय इक्विटी शेयर धारक लेते है। Company की मीटिंग में वोटिंग का अधिकार इक्विटी शेयर होल्डर के पास होता है जिनके पास ज्यादा इक्विटी शेयर होते है उनके वोटिंग राइट भी ज्यादा होते है। अगर कंपनी लाभ में है तो सबसे ज्यादा लाभ इक्विटी शेयर होल्डर को होता है और अगर कंपनी नुकसान में है तो कंपनी को सबसे ज्यादा नुकसान भी इक्विटी शेयर होल्डर को होता है।

2. Preference Share (प्रेफरेंस शेयर): प्रेफरेंस शेयर रखने वालो के अधिकार पहले से ही तय होते है। कंपनी को किसी भी प्रकार का लाभ हो तो पहले हिस्सा Preference Share Holders को मिलता है। यदि कंपनी बंद हो जाये तो कंपनी की सभी सम्पतिया बेचने के बाद सबसे पहले प्रेफरेंस शेयर धारकों को उनका पैसा चुकाया जायेगा और बचा हुआ प्रॉफिट या लोस्स इक्विटी शेयर होल्डर उठाएंगे।

शेयर कैसे ख़रीदे (How To Buy Share)

IPO (आईपीओ): आईपीओ को Primary Market भी कहते है। जब कोई कंपनी पहली बार स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होती है और पहली बार आम निवेशकों के लिये अपने शेयर जारी करती है तो इस प्रकिया को IPO (Initial Public Offering) कहते है। आईपीओ में निवेश करके कंपनी के शुरूआती दिनों में ही कंपनी का हिस्सेदार बना जा सकता है।

Secondary Market: जब एक कंपनी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाती है तो कंपनी खुद शेयर की खरीदी या बिक्री नहीं करती है बल्कि दूसरे निवेशक जिन्होंने कंपनी के आईपीओ से शेयर खरीदे है उनसे शेयर ख़रीदे और बेचे जाते है। सेकेंडरी मार्किट में कोई आम निवेशक या संस्था किसी दूसरे आम निवेशक या संस्था से शेयर खरीदते और बेचते है।

Share खरीदने के लिये किसी भी स्टॉक ब्रोकर के पास ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट ओपन करवाना होता है। ट्रेडिंग अकाउंट से शेयर ख़रीदे जाते है और डीमैट अकाउंट में ख़रीदे हुये शेयर रखे जाते है।(शेयर क्या है – Share Meaning In Hindi)

Share खरीदने के लाभ

स्टॉक मार्किट में शेयर खरीदकर लाभ कमाने के कई तरीके होते है जिनमें से कुछ इस प्रकार है –

Dividend (डिविडेंड से लाभ): जब कंपनी व्यापार करती है तो उससे लाभ होता है और उस लाभ में से कुछ हिस्सा अपने शेयर धारको में बाँट देती है जिसे डिविडेंड कहते है। जिस निवेशक ने कंपनी के जितने शेयर ख़रीदे है उसके अनुसार निवेशकों में डिविडेंड बांटा जाता है।

Capital Appreciation (Share की कीमत बढ़ने से लाभ): जब कंपनी का व्यापार अच्छा चल रहा होता है और कंपनी लगातार लाभ कमा रही होती है तो ज्यादा से ज्यादा निवेशक कंपनी में निवेश करते है जिससे कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ती है। और निवेशक कम कीमत पर शेयर खरीदकर उसे ज्यादा कीमत पर बेच कर लाभ कमाते है।

Bonus (बोनस से लाभ): कभी – कभी कंपनी अपने निवेशकों को बोनस के रूप में अतरिक्त शेयर देती है और ये अतिरिक्त शेयर भी निवेशक के लिए लाभ होता है।

शेयरधारक कॉर्नर

बैंक ऑफ़ बड़ौदा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पहला बैंक था जिसने दिसंबर 1996 में इक्विटी बाजार में प्रवेश किया. उसके बाद बैंक जनवरी 2006 में ‘फॉलोऑन पब्लिक ऑफर’ के साथ आया. बैंक ने भारत सरकार को मार्च 2011, मार्च 2013, जनवरी 2014, मार्च 2015, मार्च 2018, जून 2019 तथा दिसंबर 2019 तथा भारतीय जीवन बीमा निगम को मार्च 2012 में इक्विटी शेयर के प्रकार यथासंशोधित सेबी (पूंजी एवं प्रकटीकरण आवश्यकता) विनियमन 2009 के अनुकूल अधिमानी आधार पर इक्विटी शेयर जारी किए. बैंक ने अपने शेयरों का अंकित मूल्य, दिनांक 24 जनवरी, 2015 से प्रभावी रूप में (रेकॉर्ड तारीख 23 जनवरी, 2015) एक इक्विटी शेयर के बदले में पांच जारी करते हुए, रु. 10/- प्रत्येक के बदले रु. 2/- (रुपया दो मात्र) प्रत्येक कर दिया है.

भारत सरकार द्वारा अधिसूचित "बैंक ऑफ बड़ौदा योजना, 2019 के साथ विजया बैंक और देना बैंक का समामेलन" के अनुसार दिनांक 01.04.2019 को विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ समामेलन कर दिया गया.

ये टर्म जानते हैं, तो ठीक से समझ जाएंगे शेयर बाजार.

इक्विटी शेयर क्या है? इक्विटी शेयर को आम बोलचाल में शेयर या स्टॉक भी कहा जाता है। इससे किसी कंपनी में अमुक अंश की हिस्सेदारी व्यक्त होती है।

  • News18India.com
  • Last Updated : October 14, 2015, 16:56 IST

संजीव सिन्‍हा

इक्विटी शेयर क्या है? इक्विटी शेयर को आम बोलचाल में शेयर या स्टॉक भी कहा जाता है। इससे किसी कंपनी में अमुक अंश की हिस्सेदारी व्यक्त होती है। इक्विटी शेयरधारक कंपनी इक्विटी शेयर के प्रकार के नफे-नुकसान में, अपने शेयरों की संख्या के अनुपात में व्यवसायिक हिस्सेदार होता है। इसके धारक को कंपनी के सदस्य का दर्जा प्राप्त होने के साथ कंपनी के प्रस्तावों पर अपना विचार व्यक्त करने और वोट देने का अधिकार प्राप्त है

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