विशेषज्ञ विकल्प में रुझान प्रकार

आरबीआई रिटेल डायरेक्ट, लोकपाल योजना की हुई अच्छी शुरुआत
कर, बढ़ते ब्याज दर के परिदृश्य में रिटर्नों में आ रही कमी और संभावित तौर पर होने वाले नुकसान जैसे मुद्दों से फिलहाल के लिए प्लेटफॉर्म को व्यापक तौर पर अपनाने में रुकावट आ सकती है। भले ही बॉन्ड कुछ मामलों में बैंक जमाओं से अधिक रिटर्न देते हैं लेकिन लघु बचत प्रमाण पत्र और भविष्य निधि 7.50 फीसदी से अधिक की पेशकश कर रहे हैं।
तीन वर्ष की निश्चित अवरुद्घता अवधि (लॉक-इन पीरियड) वाले डेट म्युचुअल फंड भी मौजूदा समय के सरकारी बॉन्डों से अधिक रिर्टनों की पेशकश करते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि 10,000 रुपये की न्यूनतम निवेश सीमा ने कई छोटे निवेशकों को इससे जुडऩे से रोक दिया। हालांकि, आगामी दिनों में इसमें तेजी आएगी लेकिन अफरातफरी जैसी कोई बात नहीं होगी।
हालांकि, एकीकृत लोकपाल योजना को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और इस मामले के जानकार लोगों का कहना है कि ऐसा लगता है कि लोगों ने इसे आसानी से अपनाया है।
12 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों ही योजनाओं का लोकार्पण किया था। लोकर्पण के दिन ही रिजर्व बैंक के पास 1,300 शिकायतें आई थी और इस मामले के जानकार लोग बताते हैं कि यह संख्या लगातार बढ़ रही है। ग्राहक लोकपाल योजना में शामिल किए गए ई-मेल पर भी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं।
इस मामले से अवगत सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय बैंक की योजना भविष्य में सोशल मीडिया पर की गई शिकायतों को एकीकृत प्रणाली पर की गई औपचारिक शिकायतों में बदलने की है। लेकिन यह विचाराधीन है और इस पर कोई काम नहीं किया गया है।
रिजर्व बैंक चाहता है कि शिकायतों का निपटारा 30 दिनों में हो जाए जबकि मौजूदा प्रणाली में इससे करीब दोगुना औसतन 56 दिन का वक्त लगता है। कॉल सेंटर में रिजर्व बैंक के अपने कर्मचारी ही नियुक्त किए जाएंगे। इसकी वजह यह है कि बाहरी एजेंसियों को फ्रंट ऑफिस जॉब का आवंटन करने पर विचार करने से पहले केंद्रीय बैंक अपने स्तर से इसका अनुभव हासिल करना चाहता है।
सहकारी समितियों में बैंक के नाम को लेकर सतर्क रहें लोग
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सहकारी समितियों के नाम में विशेषज्ञ विकल्प में रुझान प्रकार बैंक का इस्तेमाल किए जाने को लेकर लोगों को सतर्क रहने को कहा है। आरबीआई ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949 में किए गए संशोधन के बाद कोई भी सहकारी समिति बैंक, बैंकर या बैंकिंग शब्द का इस्तेमाल अपने नाम में नहीं कर सकती है। हालांकि, रिजर्व बैंक से इसके लिए पूर्व-अनुमति होने पर उसे ऐसा करने की छूट होगी। बैंकिंग नियमन अधिनियम में संशोधन 29 सितंबर, 2020 से ही प्रभावी हो चुके हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा कि कुछ सहकारी समितियों द्वारा अपने नाम में बैंक शब्द के इस्तेमाल की शिकायतें उसे मिली हैं, जो कि इस संशोधित नियम का विशेषज्ञ विकल्प में रुझान प्रकार उल्लंघन करते हैं। कुछ समितियां गैर-सदस्यों से भी जमा राशि स्वीकार कर रही हैं, जो गलत है। भाषा
Career In Sports Medicine: एमबीबीएस करने के बाद स्पोर्ट्स मेडिसिन में एमडी करने से युवाओं के सामने ढेरों विकल्प
Career In Sports Medicine स्पोर्ट्स मेडिसिन में बढ़ते मौके यदि आप खेलों में रुचि रखते हैं पर खिलाड़ी के बजाय इनसे जुड़े किसी क्षेत्र में अपने करियर को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो स्पोर्ट्स मेडिसिन का क्षेत्र उपयुक्त हो सकता है.
अंशु सिंह। भारत में खेलों के प्रति युवाओं का रुझान और भागीदारी दोनों लगातार बढ़ रही है। इतना ही नहीं, फिट खिलाड़ियों का करियर पहले से कहीं अधिक लंबा हो गया है। अपनी चोट को लेकर सचेत होने और सही तरीके से प्रशिक्षण व समुचित पुनर्वास पर ध्यान देने से खिलाड़ी लंबे वक्त तक खेल पा रहे हैं। यह सब संभव हो सका है स्पोर्ट्स साइंस के क्षेत्र में हुए विकास से। अब अगर आपकी भी खेलों में दिलचस्पी है और स्पोर्ट्स इंडस्ट्री का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो स्पोर्ट्स मेडिसिन के जरिये अपने सपने को पूरा करने का भरपूर मौका है।
आलराउंडर क्रिकेटर हार्दिक पांड्या को सभी जानते हैं कि कैसे 2019 में बैक इंजुरी होने के कारण उन्हें खेल से दूर रहना पड़ा। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। विशेषज्ञ चिकित्सकों, थेरेपिस्ट की मदद से चोट से उबरने की कोशिश की और उसमें सफल रहे। कुछ समय पहले ही उन्हें आइपीएल खेलने का अवसर मिला, जिसमें उन्होंने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में न सिर्फ दमदार प्रदर्शन किया, बल्कि आइपीएल में पहली बार शामिल हुई टीम गुजरात टाइटंस को अपनी कप्तानी में खिताब दिलाने का कीर्तिमान भी बना दिया।
किसी भी खिलाड़ी के लिए इंजुरी के बाद कमबैक करना आसान नहीं होता है। फ्रैक्चर एवं तमाम प्रकार की इंजुरीज से उनका करियर समय से पहले खत्म हो जाता है। लेकिन स्पोर्ट्स मेडिसिन, फिजियोथेरेपिस्ट्स आक्यूपेशनल थेरेपिस्ट्स, फिजियोलाजिस्ट्स, फिटनेस ट्रेनर्स, एथलेटिक्स थेरेपिस्ट्स आदि की बढ़ती भूमिका से वे दोबारा से खेलों में सफल वापसी कर पा रहे हैं। यही कारण है कि जो युवा मेडिकल फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं, आज उनके लिए स्पोर्ट्स मेडिसिन एक बेहद आकर्षक विकल्प बन चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थोपेडिक, न्यूरोलाजिकल एवं कार्डिएक फिजिकल थेरेपी की तुलना में स्पोर्ट्स मेडिसिन का क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है।
क्या है स्पोर्ट्स मेडिसिन
किसी भी आम मरीज की तरह एक एथलीट या खिलाड़ी तीन या छह महीने तक अपनी चोट के साथ नहीं रह सकता है। उन्हें कम से कम समय में कमबैक करना होता है। ऐसे में स्पोर्ट्स मेडिसिन के एक्सपर्ट्स खिलाड़ियों को कम से कम समय में वापस खेलने के लिए तैयार कर पाते हैं। उनकी वैज्ञानिक तरीके से ट्रेनिंग करायी जाती है जिससे कि वे चोट से यथाशीघ्र उबर सकें। वहीं, प्री-रिहैबिलिटेशन या प्रिवेंटिव थेरेपी प्रोग्राम के जरिये स्पोर्ट्स थेरेपिस्ट उन्हें बताते हैं कि कैसे कुछ सावधानियां रख कर खुद को चोटिल होने से बचाया जा सकता है। इस प्रकार स्पोर्ट्स मेडिसिन के एक्सपर्ट का काम किसी भी घायल खिलाड़ी को तुरंत राहत और सपोर्ट उपलब्ध कराना होता है। इसके अलावा, वे फिजिकल थेरेपिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, आर्थोपेडिक एक्सपर्ट्स की मदद से खिलाड़ियों को पुनर्वासित करते हैं।
शैक्षिक योग्यता
स्पोर्ट्स मेडिसिन मेडिकल साइंस का एक स्पेशलाइज्ड ब्रांच है, जिसमें एमबीबीएस के बाद दाखिला लिया जा सकता है। यह एमडी प्रोग्राम तीन वर्ष का होता है। एमबीबीएस करने के बाद आप पीजी नीट, एम्स एवं जिपमर द्वारा आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। इसी के आधार पर कालेजों में एमडी कोर्स में दाखिला मिलता है। देश में कई संस्थान व विश्वविद्यालय स्पोर्ट्स मेडिसिन में एमडी संचालित करते हैं। इसके अलावा, कई संस्थान डिप्लोमा कोर्स भी आफर कर रहे हैं।
बुनियादी कुशलता
किसी भी करियर में सफलता के लिए उसके प्रति लगाव, मोटिवेशन और दृढ़निश्चय का होना जरूरी है। स्पोर्ट्स मेडिसिन के साथ भी ऐसा ही है। इसके अलावा, कैंडिडेट के पास गंभीर मेडिकल अवस्था की जांच के लिए क्लीनिकल अनुभव होना आवश्यक है। युवाओं के अंदर बुनियादी मनोवैज्ञानिक कुशलता होनी चाहिए, ताकि मरीजों से संवाद करने में दिक्कत न हो। करियर में ऊंची छलांग लगाने के लिए स्पोर्ट्स मेडिसिन में हो रहे विकास एवं नवोन्मेष की जानकारी रखना लाभकारी होगा।
संभावनाएं
दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल के स्पोर्ट्स मेडिसिन सेंटर के सीनियर डायरेक्टर डा. दीपक चौधरी के अनुसार, स्पोर्ट्स में स्पेशलाइज्ड केयर आने से स्पोर्ट्स मेडिसिन के पेशेवरों की मांग बढ़ी है। खासकर जिम और स्पोर्ट्स कल्चर के बढ़ने से भी यह एक आकर्षक विकल्प के रूप में चुना जा रहा है। इंजुरी प्रिवेंशन या मैनेजमेंट, मस्क्यूलोस्केलेटल रिहैबिलिटेशन में प्रशिक्षित हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स इस सेक्टर में मनचाहा मुकाम हासिल कर सकते हैं। एक सर्टिफाइड थेरेपिस्ट के लिए स्पोर्ट्स क्लब, स्पोर्ट्स टीम, स्पोर्ट्स इंजुरी क्लीनिक, डिसेबल्ड एथलीट्स के साथ काम करने के अवसर हैं। चाहें, तो एकेडमिक और साइंटिफिक रिसर्च में भी आगे बढ़ सकते हैं। मल्टीनेशनल स्पोर्ट्स कंपनियां भी स्पोर्ट्स मेडिसिन कंसल्टेंट्स को हायर करती हैं। स्पोर्ट्स अथारिटी आफ इंडिया भी अपने यहां समय-समय पर पेशेवरों की नियुक्ति करती रहती है।
एमबीबीएस के बाद अनेक विकल्प
दिल्ली के बीएलके-मैक्स अस्पताल के स्पोर्ट्स मेडिसिन सेंटर के वरिष्ठ निदेशक डा. दीपक चौधरी ने बताया कि देश में खेलों को प्रोत्साहन मिलने से स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में अनेक प्रकार के एवं कई स्तरों पर रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। इनमें से ही एक है स्पोर्ट्स मेडिसिन का क्षेत्र। एमबीबीएस करने के बाद स्पोर्ट्स मेडिसिन में एमडी करने से युवाओं के सामने ढेरों विकल्प खुल जाते हैं। ये विशेषज्ञ विकल्प में रुझान प्रकार पेशेवर बतौर काउंसलर, मेडिकल कंसल्टेंट, एथलेटिक्स डाक्टर, मसल स्पेशलिस्ट, स्पोर्ट्स साइकोलाजिस्ट, हैमस्ट्रिंग स्पेशलिस्ट, आर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट एवं परफार्मेंस एजुकेटर के रूप में कार्य कर सकते हैं।
Infographic क्या है? (उदाहरण, टिप्स और टेम्प्लेट)
यदि आप डिज़ाइन करने के लिए नए हैं और वास्तव में इन्फोग्राफिक्स के बारे में नहीं जानते हैं, तो यह छोटी सी मार्गदर्शिका केवल आपके लिए बनाई गई है। इस लेख में, मैं आपको यह समझने में मदद करूंगा:
आपको इस पूरे लेख में रचनात्मक इन्फोग्राफिक उदाहरण और संपादन योग्य टेम्पलेट भी मिलेंगे ताकि आप अपने खुद के विज़ुअल बनाना शुरू कर सकें।
Infographic क्या है?
परिभाषा के अनुसार, एक इन्फोग्राफिक किसी भी प्रकार की सूचना या डेटा का एक विजुअल प्रतिनिधित्व है।
चाहे वह बाजार के रुझानों पर एक अध्ययन हो या आपके कपड़े धोने के तरीके पर स्टेप-बाय-स्टेप मार्गदर्शिका हो, एक इन्फोग्राफिक आपको उस जानकारी को आकर्षक विजुअल ग्राफिक के रूप में पेश करने में मदद कर सकता है।
प्रो टिप: आप Visme के इन्फोग्राफिक मेकर का उपयोग करके आसानी से अपना खुद का इन्फोग्राफिक्स ऑनलाइन बना सकते हैं। यह आसान, ड्रैग-एंड-ड्रॉप डिज़ाइन टूल और सैकड़ों अनुकूलन योग्य टेम्प्लेट के साथ आता है।
नीचे दिए गए इन्फोग्राफिक उदाहरण पर एक नज़र डालें।
ध्यान दें कि यह कैसे चमकीले रंगों, सचित्र पात्रों और बोल्ड टेक्स्ट का उपयोग तुरंत आपका ध्यान आकर्षित करता है और आपको कैसे विषय का अवलोकन प्रदान करता है।
ध्यान रखें कि एक इन्फोग्राफिक का लक्ष्य न केवल सूचित करना है, बल्कि देखने के अनुभव को मजेदार बनाने और अपने दर्शकों के लिए आकर्षक बनाना भी है।
और यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आप किसी विषय को सम्मोहक और आसानी से समझने वाले तरीके से समझाने के लिए विभिन्न ग्राफिक तत्वों- जैसे रंग, चिह्न, चित्र और फोंट को कैसे जोड़ते हैं।
ऊपर वाला इन्फोग्राफिक रेडियल और डोनट चार्ट का उपयोग करके विजुअल रूप में आंकड़े और प्रतिशत भी दिखाता है। इसलिए, भले ही आप डेटा विजेट के ऊपर का पाठ न पढ़ें, फिर भी आपको चित्र प्राप्त होगा।
आपको Infographics का उपयोग विशेषज्ञ विकल्प में रुझान प्रकार क्यों करना चाहिए?
Infographic इतने लोकप्रिय होने का एक कारण है - वे मज़ेदार, आकर्षक और शेयर करने में बहुत आसान हैं। साथ ही, बिजनेस, शिक्षकों और गैर-लाभकारी संस्थाओं सहित सभी प्रकार के कंटेंट मेकर के लिए उनके पास ढेर सारे लाभ हैं।
मार्केटर अधिक वेबसाइट ट्रैफ़िक चलाने, दृश्यता और ब्रांड जागरूकता बढ़ाने और जुड़ाव बढ़ाने के लिए इन्फोग्राफिक्स का उपयोग कर सकते हैं।
शिक्षक और प्रशिक्षक इन्फोग्राफिक्स का उपयोग कठिन अवधारणाओं को समझाने या जटिल जानकारी को समझने में आसान बनाने के लिए कर सकते हैं।
गैर-लाभकारी संस्थाएं किसी कारण या सामाजिक मुद्दे के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इन्फोग्राफिक्स का उपयोग कर सकती हैं।
Environmental Protection Agency (EPA) लीक के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक इन्फोग्राफिक का उपयोग कैसे कर रही है, इसका एक उदाहरण यहां दिया गया है।
उभरती हुई प्रौद्योगिकियां और रसद और आपूर्ति श्रृंखला उद्योग का भविष्य
क्या आप जानते हैं कि लॉजिस्टिक्स उद्योग तेजी से परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है? प्रौद्योगिकी और नवाचार विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), तंत्रिका नेटवर्क और मशीन लर्निंग थियोलॉजिस्ट और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के निरंतर विकास और परिवर्तन में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। यह तेजी से विकास तेजी से, सस्ती, विश्वसनीय और टिकाऊ डिलीवरी सेवाएं प्रदान करने की सदियों पुरानी दौड़ का परिणाम है क्योंकि दुनिया सपाट होती जा रही है। इस प्रकार, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में करियर बनाने के लिए यह आपके लिए एक सही समय हो सकता है। अगर आप लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट में अपना करियर शुरू करना चाहते हैं, तो आप इसमें शामिल हो सकते हैं टेक महिंद्रा स्मार्ट अकादमी, विशाखापत्तनम.
आपको पता होना चाहिए कि रसद और आपूर्ति श्रृंखला उद्योग 10 साल पहले की तुलना में काफी अलग है क्योंकि यह लगातार बहु-आयामों में स्वचालन की ओर जा रहा है। यदि रसद और आपूर्ति श्रृंखला उद्योग में करियर आपका ध्यान आकर्षित करता है, तो यह हमेशा होता है प्रबंधन और प्रौद्योगिकियों के रुझानों से अवगत होना बेहतर है। यहां, हम रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के तकनीकी क्षेत्रों में हाल के विकास के बारे में बात करने जा रहे हैं।
हाल के दिनों में, जिन तकनीकों का रसद और आपूर्ति श्रृंखला उद्योग को आकार देने में सर्वोपरि महत्व था, वे हैं एआई, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचैन, एनालिटिक्स, आरएफआईडी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ड्रोन डिलीवरी, और बहुत कुछ। इन तकनीकों ने काम करने के पारंपरिक तरीकों को बदल दिया है।
रसद और आपूर्ति श्रृंखला उद्योग - उभरती हुई प्रौद्योगिकियां
आइए हम उन ट्रेंडिंग तकनीकों की जाँच करें जो व्यवधान पैदा करती हैं और फर्मों को अपने लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करती हैं। आपके लिए नवीनतम घटनाक्रमों को समझना महत्वपूर्ण है रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन अगर आप इसमें करियर बनाना चाहते हैं।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) -यह वह तकनीक है जो बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के उपकरणों को जोड़ती है। यह उम्मीद की जाती है कि भविष्य में, IoT कनेक्टिविटी की गति को बढ़ाएगा और परिचालन की वास्तविक समय की दृश्यता तक पहुंच प्रदान करके समग्र लागत को कम करेगा।
उपकरण और पर्यावरण की सुरक्षित रूप से निगरानी करने की क्षमता के साथ, विशेषज्ञ समस्या उत्पन्न होने से पहले कार्रवाई कर सकते हैं। इंटरनेट ऑफ थिंग्स के क्षेत्र में प्रगति नाटकीय रूप से आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और रसद के संचालन में प्रगति कर रही है।
चालक रहित वाहन - इस बात पर सहमति हो सकती है कि चालक रहित इलेक्ट्रिक वाहन Google के दिमाग की उपज हैं और लोगों का मानना है कि भविष्य सेल्फ-ड्राइविंग कारों का है। बिना किसी मानवीय इनपुट के, विशेषज्ञ विकल्प में रुझान प्रकार एक चालक रहित वाहन सुसज्जित नेविगेशनल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की मदद से खुद को नेविगेट करने में सक्षम होगा। इन चालक रहित वाहनों के आने से उम्मीद की जा रही है कि लॉजिस्टिक्स की लागत में भारी कमी आएगी।
ड्रोन डिलीवरी - यह नवीनतम प्रवृत्ति है जिसने बहुत अधिक ध्यान आकर्षित किया है और रसद और आपूर्ति श्रृंखला उद्योग को बदल रहा है। इसे सबसे पहले Amazon द्वारा इस्तेमाल किया गया था। हालाँकि, ड्रोन डिलीवरी का विचार नया है और कई फर्म अभी भी इसके उपयोग को लेकर संशय में हैं।
द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार परिवहन के लिए आँख (EFT)कुछ लोगों का मानना है कि वास्तविकता के रूप में ड्रोन की डिलीवरी की संभावना बहुत कम है और यह केवल अति विशिष्ट क्षेत्रों में ही होगा। केवल 36 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि अगले 5 से 10 दिनों में ड्रोन डिलीवरी का कोई न कोई रूप होगा जैसे कि दूरदराज के स्थानों पर ड्रग्स पहुंचाना।
3 डी प्रिंटिग - कई वर्षों से 3डी प्रिंटिंग का विचार विकास के चरण में है। इस तकनीक के माध्यम से, निर्माता, व्यक्ति और व्यवसाय विभिन्न धातुओं और प्लास्टिक का उपयोग करके भागों और उत्पादों की सटीक प्रतिकृतियां मुद्रित करने में सक्षम हैं।
3डी प्रिंटिंग को सरलीकृत और अत्यधिक प्रतिक्रियाशील में से एक माना जाता है। इस तकनीक के साथ, यह उम्मीद की जाती है कि आपूर्ति श्रृंखला व्यवसाय के भविष्य में, ग्राहक पहले ऑर्डर देगा, और फिर एक स्थानीय 3डी प्रिंटिंग शॉप तैयार उत्पाद का उत्पादन करेगी और डिलीवरी (अक्सर ड्रोन द्वारा) करेगी।
रसद और आपूर्ति श्रृंखला उद्योग का भविष्य
एक उद्योग का परिवर्तन दो प्रमुख कारकों - क्षमताओं और पर्यावरण पर निर्भर करता है। डिजिटलीकरण के संबंध में, विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में संगठन के भीतर क्षमताओं का निर्माण करने की आवश्यकता है। जबकि पर्यावरण के लिए, दो-गति की वास्तुकला यानी संगठन और आईटी (स्थापित परिदृश्य के रूप में), और एक स्टार्ट-अप संस्कृति के साथ एक अभिनव वातावरण के कार्यान्वयन की आवश्यकता है। आज, प्रौद्योगिकियों, प्रवृत्तियों और ग्राहकों की अपेक्षाओं ने संचालन के पारंपरिक तरीके के साथ-साथ खेल को बदल दिया है।
इसके अलावा, दुनिया भर में ग्रामीण क्षेत्रों की निरंतर वृद्धि और क्षेत्रों में धन के स्थानांतरण के साथ, रसद और आपूर्ति श्रृंखला फर्मों को उन स्थानों तक पहुंचना है जहां पहले सेवा नहीं दी गई है। उपरोक्त के अलावा, कार्बन उत्सर्जन के कारण बदलते नियम, सामाजिक आर्थिक क्षेत्र के लिए यातायात का नियमन उन चुनौतियों को जोड़ता है जिनका रसद और आपूर्ति श्रृंखला उद्योग सामना कर रहा है। इस प्रकार, बदलते रुझानों और आवश्यकताओं से निपटने के लिए, उद्योग को तेज, सटीक और बारीक बनने की जरूरत है।
यदि आपने आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में करियर बनाने का मन विशेषज्ञ विकल्प में रुझान प्रकार बना लिया है, तो ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करें और टेक महिंद्रा स्मार्ट अकादमी, विजाग में पाठ्यक्रम के लिए आवेदन करें।
हम आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। लाइक, शेयर और कमेंट करें और अपने दोस्तों को लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट में भविष्य और करियर के अवसरों के बारे में बताएं।