ईटीएफ क्या है?

Silver ETF में पैसे लगाने से होगी आपकी चांदी, ऐसे कर सकते हैं निवेश
सिल्वर ईटीएफ की खस बात यह है कि आप इसमें मात्र 100 रुपये से भी इन्वेस्टमेंट की शुरुआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड हाउसेज ईटीएफ के साथ ही फंड ऑफ फंड भी लॉन्च कर रही हैं. इसमें पैसे लगाने के लिए डीमैट अकाउंट की भी जरूरत नहीं पड़ती है और इन्वेस्टर के पास एसआईपी चुनने का भी ऑप्शन रहता है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 21 जनवरी 2022,
- (अपडेटेड 21 जनवरी 2022, 11:41 AM IST)
- सिल्वर ईटीएफ से मिलता है रिस्कफ्री इन्वेस्टमेंट ऑप्शन
- छोटी रकम से भी स्टार्ट कर सकते हैं इन्वेस्टमेंट
बाजार नियामक सेबी (SEBI) की मंजूरी के बाद इन्वेस्टर्स को अब पैसे बनाने का एक नया एवेन्यू मिल चुका है. सेबी ने पिछले साल सिल्वर ईटीएफ के लिए गाइडलाइंस जारी किया. इसके बाद कुछ ही दिनों पहले देश का पहला सिल्वर ईटीएफ लॉन्च भी हो गया. आने वाले समय में एक के बाद एक कर कई सिल्वर ईटीएफ लॉन्च होने वाले हैं.
ये म्यूचुअल फंड ला चुके हैं सिल्वर ईटीएफ
ICICI Prudential Asset Management Company Ltd ने इस साल की शुरुआत में देश का पहला सिल्वर ईटीएफ लॉन्च किया. यह सिल्वर ईटीएफ 5 जनवरी को लॉन्च हुआ और इन्वेस्टर्स के लिए 19 जनवरी तक खुला रहा. इसके बाद Nippon ईटीएफ क्या है? India Mutual Fund ने भी सिल्वर ईटीएफ और फंड ऑफ फंड की पेशकश की. ये दोनों ऑप्शन 13 जनवरी को खुला और सब्सक्रिप्शन के लिए 27 जनवरी तक उपलब्ध हैं. इनके अलावा Aditya Birla Sun Life Mutual Fund ने भी 13 जनवरी को सिल्वर ईटीएफ लॉन्च किया.
इंडस्ट्री से आती है चांदी की 50 फीसदी से ज्यादा डिमांड
सिल्वर ईटीएफ की खस बात ईटीएफ क्या है? यह है कि आप इसमें मात्र 100 रुपये से भी इन्वेस्टमेंट की शुरुआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड हाउसेज ईटीएफ के साथ ही फंड ऑफ फंड भी लॉन्च कर रही हैं. इसमें पैसे लगाने के लिए डीमैट अकाउंट की भी जरूरत नहीं पड़ती है और इन्वेस्टर के पास एसआईपी चुनने का भी ऑप्शन रहता है. गोल्ड ईटीएफ की तरह सिल्वर ईटीएफ भी इन्वेस्टर्स ईटीएफ क्या है? को बाजार की उथल-पुथल के मुकाबले सुरक्षित विकल्प देता है. चांदी के साथ खास बात ये है कि इसकी इंडस्ट्रियल मांग बहुत ज्यादा है. चांदी की 50 फीसदी से ज्यादा डिमांड इंडस्ट्री से आती है. इस कारण यह इन्वेस्टमेंट का बढ़िया विकल्प साबित होता है.
एक ग्राम या 100 रुपये से भी स्टार्ट कर सकते हैं इन्वेस्टमेंट
ईटीएफ आने से इन्वेस्टर को शेयर बाजार में चांदी में पैसे लगाने की सुविधा मिलती है. ये ईटीएफ स्टॉक की तरह एनएसई और बीएसई पर लिस्ट किए जाते हैं. अगर आप बाजार से फिजिकल सिल्वर खरीदते हैं तो आपको बड़ी रकम की जरूरत पड़ेगी, जबकि ईटीएफ में आप एक ग्राम चांदी या 100 रुपये की चांदी भी खरीद सकते हैं. इस तरीके से इन्वेस्टमेंट करने पर चांदी के खो जाने, चोरी हो जाने जैसे रिस्क नहीं होते. इसके अलावा आपको चांदी की क्वालिटी की भी चिंता नहीं होती है.
अगर मालामाल होना है तो सिल्वर ETF में करें निवेश, सिर्फ 100 रुपए से बनाएं ढेर सारा पैसा
गोल्ड (Gold Investment) की तर्ज पर ही बाजार में सिल्वर ईटीएफ का भी ऑप्शन (Silver ETF) आ गया है। सिल्वर ईटीएफ के लिए दिसम्बर 2021 में बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने मंजूरी दे दी है। सिल्वर ईटीएफ में चौंकाने वाली सबसे खास बात है कि बेहद कम पैसों में आप इसमें निवेश कर सकते हैं। जानकर हैरान रह जाएंगे कि निवेश की शुरुआत सिर्फ 100 रुपए से हो सकती है।
उत्तर प्रदेश में चांदी के आभूषण लोगों की पहली पसंद हैं। राजधानी लखनऊ में 29 जनवरी को एक किलो चांदी का भाव 61,100 है। आजकल चांदी में निवेश तेजी से बढ़ा है। पहले सोने और चांदी की फिजिकल होल्डिंग की परंपरा थी। पर अब लोग पैसे को तेजी से दोगुना करना चाहते हैं। निवेश के लिए नई जगहों की तलाश करते ईटीएफ क्या है? रहते हैं। शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स) निवेश की पहली पसंद हैं। गोल्ड (Gold Investment) की तर्ज ईटीएफ क्या है? पर ही बाजार में सिल्वर ईटीएफ का भी ऑप्शन (Silver ETF) आ गया है। सिल्वर ईटीएफ के लिए दिसम्बर 2021 में बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने मंजूरी दे दी है। और सिल्वर ईटीएफ में निवेश की नई गाइडलाइन (Silver ETF Investment Guidelines) जारी कर दी गई है। सिल्वर ईटीएफ में चौंकाने वाली सबसे खास बात है कि बेहद कम पैसों में आप इसमें निवेश कर सकते हैं। जानकर हैरान रह जाएंगे कि निवेश की शुरुआत सिर्फ 100 रुपए से हो सकती है।
ईटीएफ सिक्युरिटीज और शेयर जैसे एसेट का एक बास्केट है, जिसकी खरीद-बिक्री एक्सचेंज पर होती है। इसीलिए इनके फीचर्स और फायदे शेयरों में निवेश की तरह हैं, पर ये म्यूचुअल फंड्स और बॉन्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स के भी लाभ देते हैं। किसी एक कंपनी के शेयर की तरह ETF की ट्रेडिंग दिनभर होती है।
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सिल्वर ETF में निवेश क्यों?
एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाला वक्त चांदी का है। जैसे अर्थव्यवस्थाएं मजबूत होंगी, चांदी की मांग आसमान छूने लगेगी। बढ़ती महंगाई वाले दौर में सोने के मुकाबले चांदी की कीमत ज्यादा बढ़ेगी। ऐसे में महंगाई से बचाव के साधन (हेजिंग टूल) के तौर पर चांदी बेहतर साबित होगी।
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सिल्वर ETF में निवेश का तरीका?
चाहे कोई भी ETF हो निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है। सिल्वर ईटीएफ के न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) में पैसा लगा सकते हैं। मान लीजिए आप चक गए ईटीएफ क्या है? तो दूसरा आप्शन है। स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकेत हैं। आईसीआईसीआई प्रू, आदित्य बिड़ला सन लाइफ के सिल्वर ईटीएफ के एनएफओ आए थे पर उनकी अंतिम तिथि बीत गई है। अभी कुछ नए एनएफओ (न्यू फंड ऑफर) आने वाले हैं।
सबसे बड़ा फायदा अधिक लिक्विडिटी और कम स्टोरेज कॉस्ट।
निवेश को लेकर शुद्धता या गुणवत्ता की कोई चिंता नहीं।
आर्थिक संकट में मददगार।
महंगाई को लेकर यह बेहतर तरीके से हेज उपलब्ध कराता है।
चांदी में निवेश से पोर्टफोलियो का ओवरऑल रिस्क होता है कम।
चांदी के भाव में तेजी की संभावना अधिक।
चांदी का इस्तेमाल सोलर पैनल, मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स, स्विचेज, सैटेलाइट आदि।
सोलर एनर्जी - सोलर एनर्जी की डिमांड बढ़ रही। यह इंडस्ट्री चांदी की मांग बढ़ाएगी।
मेडिकल उपकरण में प्रयोग - ब्रीदिंग ट्यूब्स और कैथेटर्स में चांदी इस्तेमाल। कोविड संक्रमित की मदद में इन उपकरण इस्तेमाल। हडि्डयां टेढ़ी होने पर चांदी से तैयार उपकरण।
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री - ऑटोनोमस और इलेक्ट्रिक कारों में बड़े पैमाने पर चांदी का इस्तेमाल। 2025 तक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में करीब 2,800 टन चांदी का इस्तेमाल।
5जी टेलीकॉम सर्विसेस - 5जी टेक्नोलॉजी के कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में चांदी का प्रयोग होता है। एक अंदाज में 5जी में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स में साल 2025 तक करीब 500 टन और 2030 तक करीब 700 टन चांदी का इस्तेमाल होगा।
ETF ईटीएफ क्या है? Full Form – ETF का पूरा नाम क्या है?
दुनिया भर के लोग ट्रेडिंग करते हैं और ट्रेडिंग करने में काफी रिस्क है ये भी सभी को पता है लेकिन अगर अच्छा रिसर्च कर के करते हाँ तो फिर ये आपके लिए सबसे अच्छा साबित हो सकता है.
इस पोस्ट में हम इसी से जुड़े एक शब्द के बारे में बताएँगे जिसकी जानकारी का होना काफी जरुरी है. इसीलिए आप आज के आर्टिकल में आप जानेंगे की ETF का फुल फॉर्म क्या है (ETF Full Form).
ये भी जानेंगे की इस शब्द का हिंदी में पूरा नाम क्या है और इसका अर्थ क्या है. स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े लोगों को इसका महत्व अच्छे से मालूम होता है. तो चलिए जानते हैं इसके बारे.
ETF का फुल फॉर्म क्या है – What is the full form of ETF in Hindi?
ETF Full Form
ETF का फुल फॉर्म Exchange-Traded ईटीएफ क्या है? Funds है.
इसका हिंदी में पूरा नाम एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स है जिसका अर्थ है मुद्रा कारोबार कोष.
इन्वेस्टर की काफी बड़ी संख्या विविधता से भरी हुई पोर्टफोलियो बनाने के लिए एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड का उपयोग कर रही है. हो सकता है कि आपको इस पर भी विचार करना पड़े क्यूंकि अगर आप जोखिम को अच्छी तरह समझते हैं तो इसका उपयोग कर सकते हैं.
यह सिक्योरिटीज की एक बास्केट है, जिसके शेयरों को एक एक्सचेंज पर बेचा जाता है. वे स्टॉक, म्यूचुअल फंड या बॉन्ड की सुविधाओं और पोटेंशियल लाभों को कंबाइन कर देते हैं.
इंडिविजुअल स्टॉक की तरह ही इसमें भी शेयरों की आपूर्ति और मांग के आधार पर कीमतों में पूरे दिन कारोबार होता है. म्यूचुअल फंड शेयरों की तरह ईटीएफ शेयर एक पोर्टफोलियो के पार्शियल ओनरशिप का प्रतिनिधित्व करते हैं जो प्रोफेशनल मैनेजर द्वारा इकट्ठा किया जाता है.
ETF के प्रकार
- Diversified passive equity
- Active equity
- Fixed-income
- Niche passive equity
फायदे और नुक्सान
लाभ | हानि |
कम खर्च वाले अनुपात | ब्रोकरेज कमीशन |
एक्सचेंज पर पूरे दिन ट्रेड करता है | कैपिटल लाभ को कभी कभी बांटा जाता है. |
कोई न्यूनतम निवेश डॉलर राशि (फ्रॅक्शनल शेयर नहीं खरीद सकता है) | फ्लेक्सिबिलिटी बार-बार व्यापार को प्रोत्साहित कर सकता है, संभवतः कर-कुशल बढ़त को नकारता है. |
संभावित कर एफिशिएंसी | |
कम बेचा जा सकता है और मार्जिन पर खरीदा जा सकता है. |
निष्कर्ष
स्टॉक एक्सचेंज में कार्यरत लोगों को इस पर आम करने के बारे में बहुत अच्छी जानकारी होती है. तभी वो इस क्षेत्र में बढ़िया करियर बनाते हैं मुनाफा भी कमाते हैं. इसीलिए आपको इसकी जानकारी का भी होना जरुरी है की इस शब्द का फुल फॉर्म क्या है (What is the full form of ETF in Hindi).
हम उम्मीद करते हैं ये आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा और आपकी जानकारी पूरी हो गयी होगी. अगर ये पोस्ट अच्छी लगी ईटीएफ क्या है? हो तो इसे दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें.
Wasim Akram
वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.
आखिर क्या है भारत बांड ईटीएफ, कितना मिलता है निवेश पर रिटर्न
भारत बांड ईटीएफ एक तरह का एक्सचेंज ट्रेडेड फंड हैं। भारत सरकार की विशिष्ठ कंपनियों के शेयरों में बांड नाम पर निवेश किया जाता है। यह बांड भारत सरकार की ट्रिपल ए रेटिंग वाली कंपनियां होती हैं। जिनमें निवेश पर 6 फीसदी का रिटर्न हासिल होता है।
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बांड यील्ड में 4.3 फीसदी की गिरावट आने की वजह से अमीर निवेशकों की ओर से टैक्स फ्री बांड से रुपया निकाला जा रहा है। वहीं इनमें कुछ भारत बांड ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं। भारत बांड ईटीएफ में ट्रिपल ए रेटिंग की कंपनियों को शामिल किया गया है। 2030 और 2031 में मैच्योर करने वाले ईटीएफ क्या है? भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश से टैक्स कटने के बाद 6 फीसदी रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
वैसे भारत भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश करना काफी आसान है और इसकी प्रक्रिया भी काफी आसान है। भारत बॉन्ड ईटीएफ को खरीद-फरोख्त एक्सचेंज में की जाती है। जो अपने फंड का निवेश सरकारी कंपनियों के बांड में करता है। बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि फंड की मैच्योरिटी के करीब होती है।
किन लोगों को है निवेश का अधिकार : वैसे इस बांड में निवेश करने का अधिकार हर किसी को है। कोई भी भारतीय निवानी, एनआरआई या कंपनी, फर्म एवं हिंदू अविभाजित परिवार भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश कर सकता है। भारत बांड में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना काफी जरूरी है। इसके बिना आप निेवेश नहीं कर सकते हैं।
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क्या है निवेश के ऑप्शन : इंवेस्टर्स छोटी और लंबी दोनों अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं। अगर बात छोटी अवधि के बांड की करें तो इसमें मैच्योरिटी 3 से 5 साल होती है। वहीं दूसरी ओर लंबी अवधि के बांड में निवेश की मैच्योरिटी 10 साल तक होती है। अगर आप रुपया निकालना चाहते हैं इसमें लॉक इन पीरियड नहीं होता है जिसकी वजह है शेयर बाजार में ट्रेडिंग होना। अगर निवेशक को किसी वजह से रुपया निकालना चाहता है तो वह एक्सचेंज में अपनी यूनिट बेच सकता है। उसी दिन के हिसाब से जो होगा निवेशक को रुपया मिल जाएगा
इन बातों का ध्यान रखना है काफी जरूरी : इंवेस्टर्स के पास भारत बांड ईटीएफ में निवेश करने का डायरेक्ट ऑप्शन होता है। निवेश फंड हाउस के भारत बांड फंड ऑफ फंड स्कीम में इंवेस्ट कर सकता है। हालांकि, भारत बॉन्ड ईटीएफ सरकारी कंपनियों के बांड में निवेश करता है, लेकिन यह किसी तरह के पक्के रिटर्न की गारंटी नहीं देता है।