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क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता

क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता
© Reuters. लोकसभा में सीतारमण ने कहा, आरबीआई ने की क्रिप्टोकरेंसी पर नियम बनाने की मांग

लोकसभा में सीतारमण क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता ने कहा, आरबीआई ने की क्रिप्टोकरेंसी पर नियम बनाने की मांग

शेयर बाजार 18 जुलाई 2022 ,17:15

लोकसभा में सीतारमण ने कहा, आरबीआई ने की क्रिप्टोकरेंसी पर नियम बनाने की मांग

© Reuters. लोकसभा में सीतारमण ने कहा, आरबीआई ने की क्रिप्टोकरेंसी पर नियम बनाने की मांग

नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए नियम बनाने की सिफारिश की है। सीतारमण ने कहा कि अगर इस तरह के प्रतिबंध को लागू करना है तो भारत सरकार एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग चाहती है।वित्त ने कहा मंत्री, किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव पर क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता आरबीआई द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के मद्देनजर, आरबीआई ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। आरबीआई का विचार है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

वित्त मंत्री ने लोकसभा में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी परिभाषा के अनुसार सीमाहीन हैं और नियामक मध्यस्थता को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, इसलिए विनियमन या प्रतिबंध के लिए कोई भी कानून जोखिम और लाभों के मूल्यांकन और सामान्य वर्गीकरण और मानकों के विकास पर महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बाद ही प्रभावी हो सकता है।

एक सवाल के जवाब में कि क्या आरबीआई ने पिछले दस क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता वर्षों के दौरान भारत में क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, खरीदने, बेचने, रखने और परिसंचरण को प्रतिबंधित करने के संबंध में क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता निर्देश, परिपत्र, डायरेक्शन्स, चेतावनी इत्यादि जारी किए हैं, सीतारमण ने कहा, आरबीआई 24 दिसंबर, 2013, 01 फरवरी, 2017 और 05 दिसंबर, 2017 को सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से वर्चुअल करेंसी (वीसी) के यूजर्स, धारकों और व्यापारियों को आगाह किया गया था कि वीसी में व्यवहार संभावित आर्थिक, वित्तीय, परिचालन, कानूनी, ग्राहक सुरक्षा और सुरक्षा संबंधी जोखिमों से जुड़ा है। आरबीआई ने 6 अप्रैल, 2018 को एक सकरुलर भी जारी किया था जिसमें उसकी विनियमित संस्थाओं को वर्चुअल करेंसीस (वीसी) में सौदा करने या वीसी से निपटने या निपटाने में किसी भी व्यक्ति या संस्था को सुविधा प्रदान करने के लिए सेवाएं प्रदान करने पर रोक लगाई गई थी।

वित्त मंत्री ने आगे कहा, आरबीआई ने उल्लेख किया है कि क्रिप्टोकरेंसी एक मुद्रा नहीं है क्योंकि हर आधुनिक मुद्रा को सेंट्रल बैंक/सरकार द्वारा जारी करने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, फिएट करेंसीस का मूल्य मौद्रिक नीति और कानूनी निविदा के रूप में उनकी स्थिति पर निर्भर करता है, हालाँकि, क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से उच्च रिटर्न की अटकलों और अपेक्षाओं पर निर्भर करता है जो अच्छी तरह से लंगर नहीं डालते हैं, इसलिए इसका किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर एक अस्थिर प्रभाव पड़ेगा।

Cryptocurrency का खतरा, PM Modi बोले- “Crypto गलत हाथों में नहीं पड़ना चाहिए, युवाओं का नुकसान हो सकता है”

narendra modi

PM Modi on Cryptocurrency: जैसा की हमारे देश में कैप्टोकोर्रेंसी (Cryptocurrency) के ज़रिये लोग अपन धंधा कर रहे और इससे सारी आर्थिक समस्यायें दूर हो रही है। वहीँ दूसरी इसके खिलाफ जाकर इसका लोग गलत इस्तेमाल भी कर रहे है। तरफ क्रिप्टोकरेंसी की सुविधा और नियम को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है। बता दें की भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर गरम चर्चा चल रही है। भारत सरकार ने इसी दौरान एक फैसला लिया है अपना एक अलग स्टैंड तैयार कर रही है।

पीएम मोदी की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हुई बैठक भी हुई थी। पीएम मोदी ने आज सिडनी संवाद’ को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर एक बड़ी बात कही. पीएम ने कहा कि ‘सभी देशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता क्रिप्टो गलत हाथों में न पड़े.’ क्रिप्टोकोर्रेंसी पर विवाद को लेकर पीएम मोदी ने तब ये फैसला लिया जब संसदीय समिति ने गए रखी की क्रिप्टो को रोका नहीं जा सकता। लेकिन इसके शासन की ज़रूरत है।

क्या है क्रिप्टोकोर्रेंसी ? (Cryptocurrency)

भारत में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी तौर पर मान्य नहीं है. लेकिन ये गैरकानूनी भी नहीं है. इसमें पैसा लगाने वालों के हितों का ख्याल रखने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार इसके लिए फ्रेमवर्क तैयार कर रही है. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल करेंसी होती है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं है और अभी तक किसी देश में इसे कोई कंट्रोल नहीं करता. साल 2009 में शुरू होने के बाद अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हैं, क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता लेकिन पिछले कुछ समय से इनकी कीमतों में बड़ी तेजी देखने को मिली है.

PM Modi ने बिटकॉइन का दिया उदाहरण

पीएम मोदी ने गुरुवार को संबोधन में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कहा की ‘क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए. यह बहुत जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर काम करें और गलत लोग इसका गलत फायदा न उठाये। क्योंकि इससे हमारे युवा पर गलत असर पड़ेगा.’

टेकनीक और डाटा बना हतियार

बता दें की पीएम आज ‘India’s Technology: Evolution and Revolution’ विषय पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि ‘हम एक युग में होने वाले ऐसे बदलाव के दौर में हैं, जब तकनीक और डेटा हमारे नए हथियार बन रहे हैं.’ PM Modi की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर हुई थी बैठक

बता दें कि प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने कैप्टोकरेंसी के खतरों को लेकर,शासन और दुनियाभर में इसको लेकर हुए फैसलों और चलन को चलन पर चर्चा की गयी थी। बैठक की जानकारी के अनुसार ‘सरकार इस तथ्य से अवगत है कि यह एक विकसित तकनीक है, इसलिए इसपर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और इसपर सक्रिय कदम उठाए जाएंगे.

वहीं, इस हफ्ते की शुरुआत में वित्त मामलों में गठित संसद की स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) की क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलू पर विचार करने के लिए एक बैठक हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार ने माना कि वर्चुअल करेंसी पर रोक नहीं लगाई जा सकती, लेकिन इसका नियमन यानी रेगुलेशन जरूरी है.

क्रिप्टो करेंसी और ड्रोन के मेल से बढ़ा आतंकी हमलों का खतरा

क्रिप्टो करेंसी और ड्रोन के मेल से बढ़ा आतंकी हमलों का खतरा

जयपुर । जम्मू में वायुसेना के एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा रखी है। इसमें आतंकियों ने जो तरीका इस्तेमाल किया है, उससे जम्मू से लेकर दिल्ली तक जबरदस्त हलचल है। एजेंसियों की चिंता दो वजह से ज्यादा बढ़ गई है। पहली वजह सस्ता व कहीं से भी खरीदा जा सकने वाला ड्रोन तो दूसरी डार्क वेब माध्यम से पैसे का लेनदेन। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी कहते हैं कि अब क्रिप्टो करेंसी बाजार में हैं। भले ही उनकी मान्यता नहीं है, पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकियों ने इसे अपना लिया है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर क्वाडकॉप्टर उपलब्ध हैं। कोई भी आतंकी बिना जान का खतरा लिए दो किमी दूर से बैठ अपने इरादे को अंजाम दे सकता है। क्वाडकॉप्टर कहीं भी चार से पांच किलो विस्फोटक गिरा सकता है। क्रिप्टो करेंसी और ड्रोन का यह आतंकी मेल बहुत गंभीर खतरा है।

नई क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता तकनीक का इस्तेमाल -
गृह मंत्रालय के विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वीएसके कौमुदी ने कहा, आतंक के प्रचार व कैडर की भर्ती के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा है। आतंक के वित्तपोषण के लिए नई भुगतान विधियों का उपयोग हो रहा है। ड्रोन तकनीक का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

ड्रोन का जीपीएस हो सकेगा हैक, वापस की सुविधा भी -
जम्मू-कश्मीर में वायुसेना के एयरबेस कैंप पर ड्रोन हमले की घटना के बीच आइआइटी कानपुर ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसमें दुश्मन के मंसूबे विफल किए जा सकेंगे। इससे न केवल ड्रोन के हमले को रोका जा सकेगा, बल्कि ड्रोन से होने वाली जासूसी भी रोकी जा सकेगी। इस तकनीक के जरिए दुश्मन के ड्रोन के जीपीएस को हैक कर उसके सिग्नल को ब्लॉक किया जा सकता है। साथ ही ड्रोन पर जाल डालकर उसे रोका जा सकेगा। ड्रोन को रिटर्न टू ओरिजिन यानी जहां से आया है वहां भेजने की सुविधा भी यह तकनीक देगी।

बनाए हैं कई ड्रोन-
आइआइटी ने विभ्रम, सुदर्शन, कॉकरोच समेत कई ड्रोन विकसित किए हैं। इन्हें आपदा के समय सहायता के लिए प्रयोग किया जा चुका है। आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया, अब अत्याधुनिक तकनीक डेवलप की जा रही है, ताकि ये दुश्मन के रडार पर न आ सकें।

Indian Digital Currency: जानिए कैसे क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन से अलग है भारत की डिजिटल करेंसी

Indian Digital Currency: जानिए कैसे क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन से अलग है भारत की डिजिटल करेंसी

Digital Rupee: 1 दिसंबर से RBI डिजिटल रुपया की लॉन्चिंग के साथ करेंसी के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है। बहुत से लोग इसे देसी क्रिप्टोकरेंसी जैसा समझ रहे हैं। आइए जानते हैं डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है। पहले ये सेवा देश के चार शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च की जा रही है।

Digital Rupee: देश की राजधानी दिल्ली सहित चार शहरों (दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, भुवनेश्वर) में आज से आम लोग डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कर सकेंगे। भारतीय स्टैट बैंक (आरबीआई) ने रिटेल डिजिटल रुपया शुरू किया है। पहले चरण में चार बैंकों से इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई है।

इस तरह देश में करेंसी का एक नया दौर शुरू हो जाएगा। आरबीआई ने डिजिटल रुपया शुरू करने का ऐलान तो कर दिया है, पर आम लोगों में डिजिटल करेंसी को लेकर काफी असमंजस की स्थिति है। वे इसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं। हालांकि, इस करेंसी को कमोबेश क्रिप्टोकरेंसी जैसा ही मान सकते हैं, लेकिन वास्तविक तौर पर दोनों में काफी अंतर है।

शुरुआत में रिटेल ट्रांजेक्शन कर सकेंगे

डिजिटल रुपए यानी डिजिटल करेंसी को आप नगदी का डिजिटल वर्जन मान सकते हैं। आरबीआई की ओर से शुरुआत में इसे रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए पेश किया गया है।

इस करेंसी को खर्च करना ठीक वैसा ही होगा, जैसे आप अपने पर्स से रुपए खर्च करते हैं। यह डिजिटल वॉलेट या यूपीआई से भी काफी डिफरेंट है। आने वाले समय में सभी प्राइवेट सेक्टर, नॉन- फाइनेंशियल कस्टमर्स व बिजनसेस में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।

केवल रूप डिजिटल, कैश की तरह ही होगा इस्तेमाल

आरबीआई के पास डिजिटल करेंसी का सीधा कंट्रोल होगा। जिस तरह आप आज के टाइम में कैश इस्तेमाल करते हैं, यह भी ठीक वैसा ही रहेगा, केवल इसका रूप डिजिटल होगा।

ईरूपी-आज टोकन के रूप में होगा और इसे आप नोट और सिक्कों की यूज कर सकेंगे। यूजर्स डिजिटल रुपए का इस्तेमाल पार्टिसिपेटिंग बैंक के माध्यम से सकेंगे। इन्हें मोबाइल व डिवाइसेस में स्टोर भी कर सकते हैं।

इसका इस्तेमाल आपस में लेन-देन करने के अलावा दुकान से सामान खरीदने के लिए के लिए भी किया जा सकता है। एक नवंबर को आरबीआई ने डिजिटल रुपए की होलसेल सेगमेंट में शुरुआत की थी। अब बैंक ने इसे जनरल पर्पज यानी रिटेल में पेश किया है।

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन के माध्यम से मैनेज की जाती है

डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी है भी और नहीं भी। मूल रूप से क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी होती है। यानी इसका नियंत्रण किसी आर्गनाइजेशन या किसी एक बैंक के पास नहीं होता है और इसे ब्लॉकचेन के माध्यम से मैनेज किया जाता है। वहीं आरबीआई द्वारा पेश किया जा रहा डिजिटल रुपया एक सेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी है। सेंट्रल बैंक का इस पर कंट्रोल रहेगा यानी ये मौजूदा करेंसी का डिजिटल रूप है।

आनलाइन धोखाधड़ी करने सहित कई मकसद

आरबीआई ने शुरू में कहा था कि डिजिटल करेंसी लाने का मैन मकसद फिजिकल नदगी मैनेजमेंट में आपरेशनल कॉस्ट को घटाना है। इसके अतिरिक्त डिजिटल करेंसी का यूज आनलाइन धोखाधड़ी को कम करने में किया जा सकेगा। इसके साथ ही लोगों को प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की तरफ जाने से रोकने में भी इससे मदद मिलेगी।

डिजिटल करेंसी में रुपए की तरह ही स्थिरता

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी अस्थिर हैं, वहीं डिजिटल रुपया ऐसा नहीं होगा। डिजिटल करेंसी में रुपए की तरह ही स्थिरता देखने को मिलेगी। रिटेल डिजिटल रुपए को आज जो हमारे रुपए की वैल्यू है, उसी वैल्यू पर जारी किया गया है। डिजिटल रुपए को लोग फिजिकल कैश में भी चेंज कर सकेंगे।

इसके सर्कुलेशन पर आरबीआई का नियंत्रण होगा। इस पायलट प्रोजेक्ट में कुल आठ बैंक शामिल होंगे। शुरुआत में इसमें चार बैंक एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी बैंक शामिल किए गए हैं। दूसरे चरण में डिजिटल रुपए का विस्तार कई अन्य शहरों में भी किया जाएगा।

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