बाइनरी वैकल्पिक व्यापार की मूल बाते

ब्रोकर्ससंबंधित एक्सपोजर

ब्रोकर्ससंबंधित एक्सपोजर
शेयर बाजार में पहली बार निवेश करने से पहले जान लें इन 8 बातों को

एनएसईएल में किसका, कितना एक्सपोजर

सूत्रों के मुताबिक इंडियन बुलियन मार्केट एसोसिएशन का एनएसईएल में 1200 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है।

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नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) ने अपना पेमेंट प्लान एफएमसी को सौंप दिया है। हालांकि, अभी प्लान को मंजूरी मिलना बाकी है। एफएमसी निवेशकों और शेयरधारकों से राय लेने के बाद ही फैसला लेगा। ब्रोकर एनएसईएल के पेमेंट प्लान पर भरोसा नहीं है।

एनएसईएल ने भरोसा दिलाया है कि वो 20 अगस्त से निवेशकों को पैसे देना शुरू कर देगा। एनएसईएल पर करीब 5500 करोड़ रुपये बकाया हैं। कुल 13,000 करोड़ निवेशकों का पैसा इसमें फंसा है जिसमें 10 लाख रुपये से कम रकम वाले 8000 निवेशक है।

लेकिन, बड़ा सवाल है कि अगर एनएसईएल पैसे नहीं लौट पाए तो आगे क्या होगा। एनएसईएल पेमेंट संकट में किसको और कितना नुकसान होगा। सूत्रों के मुताबिक इंडियन बुलियन मार्केट एसोसिएशन का एनएसईएल में 1200 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है। इंडियन बुलियन मार्केट एसोसिएशन का प्रमोटर एनएसईएल ही है और अंजनी सिन्हा डायरेक्ट भी हैं।

सूत्रों का कहना है कि आनंद राठी का एनएसईएल में 600 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है। इंडिया इंफोलाइन का एक्सपोजर 325 करोड़ रुपये, जियोजित कॉमट्रेड का 300 करोड़ रुपये, सिस्टेमैटिक्स का 275 करोड़ रुपये, मोतीलाल ओसवाल का 250 करोड़ रुपये, एमएमटीसी का 220 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है।

जैकपॉट शेयरः धमाकेदार रिटर्न वाला दमदार शेयर

जैकपॉट शेयर, ऐसा शेयर जिसमें निवेश से आपको बंपर मुनाफा मिलेगा। जैकपॉट शेयर वो शेयर है जो लंबी अवधि में तो शानदार मुनाफा देते ही हैं, छोटी अवधि में भी निवेशकों को शानदार रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं। यानि, मजबूत फंडामेंटल वाले ऐसे शेयर जिसमें आगे अच्छी तेजी की उम्मीद है।

आज का जैकपॉट शेयरः यस बैंक

यस बैंक, साल का ऊपरी स्तर 404 रुपये का है, लेकिन स्टॉक्स साल के ऊपरी स्तर से 40 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है। यस बैंक में दबाव की वजह आरबीआई ने राणा कपूर का कार्यकाल घटाया है। बैंक पर क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने डाउनग्रेड किया है। इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स के इस्तीफे से बैंक पर दबाव बना हुआ है। बैंक के एनपीए रिपोर्टिंग में भी अंतर देखने को मिली है। बैंक में आईएलएंडएफएस में एक्सपोजर है। नतीजे भी उम्मीद से काफी कमजोर रहे थे।

यस बैंक में रवनीत गिल बैंक के एमडी और सीईओ बने है। रवनीत गिल डॉएश बैंक इंडिया के सीईओ रह चुके है। गिल प्रोसेस, रेगुलेशन पर फोकस के लिए जाने जाते है। आरबीआई के साथ संबंध सुधरने की उम्मीद है। आरबीआई को एनपीए रिपोर्टिंग में डायवर्जेंस मिला था। वित्त वर्ष 2018 में आरबीआई को कोई डायवर्जेंस नहीं मिला था। डायवर्जेंस से बचने के लिए डेलॉयट को नियुक्त किया। डायवर्जेंस ज्यादातर टेक्निकल, कम्प्लायंस से जुड़ा होता है।

तिमाही दर तिमाही आधार पर बैंक का ग्रॉस एनपीए 1.6 फीसदी से बढ़कर 2.1 फीसदी रही है। आईएफएंडएस में एक्सपोजर के कारण एसेट क्वालिटी खराब हुई है। ब्रोकर्ससंबंधित एक्सपोजर आईएफएंडएस एक्सपोजर छोड़ नए एनपीए 6 तिमाही में सबसे कम रहे है। एसेट क्वालिटी की रिकवरी में तिमाही दर तिमाही 100 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।

कमोडिटीज़ ट्रेडिंग ऑनलाइन

कमोडिटी व्यापार इक्विटी, बॉन्ड और रियल एस्टेट के पारंपरिक अवसरों से अलग, निवेश के लिए विविध अवसरों को लाता है। ऐतिहासिक डेटा के आधार पर, अपने मौजूदा पोर्टफोलियो में कमोडिटी एक्सपोज़र जोड़ने से जोखिम कम करते हुए आपको रिटर्न बढ़ाने में मदद मिलती है। अन्य परिसंपत्ति वर्गों के साथ वस्तुओं का बहुत कम या नकारात्मक सहसंबंध है।

  • बुलियन, ऊर्जा, कृषि में व्यापार
  • कम मार्जिन पर व्यापार करना
  • पोर्टफोलियो का विविधीकरण
  • निवेश, व्यापार, बचाव और अनुमान लगाना
  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानकीकृत कीमतें
  • जोखिम से बचाव

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कमोडिटी के एफ.ए.क्यू

क्या किसी भी समय किसी भी कमोडिटी पर व्यापार / धारण की मात्रा की कोई सीमा है?

हाँ, उस मात्रा की अधिकतम अनुमेय सीमा है जिसे किसी विशेष कमोडिटी में कारोबार या आयोजित किया जा सकता है। यह सीमा संबंधित एक्सचेंजों और रेगुलेटर द्वारा निर्धारित की जाती है और कमोडिटी के अनुसार भिन्न होती है।

मैं कमोडिटी व्यापारों का निपटान कैसे करता हूँ?

कमोडिटी व्यापार प्रक्रिया के दो भाग हैं: ऑर्डर संसाधित करना और मार्क टू मार्केट (एम.टी.एम) निपटान। आप मोतीलाल ओसवाल के डीलिंग डेस्क या किसी अन्य ब्रोकर को फ़ोन पर एक आदेश दे सकते हैं, जिसके साथ आपका खाता है और यह व्यापार शुरू करता है। डीलर एक मूल्य देता है और आपको प्रारंभिक मार्जिन जमा करने के लिए कहता है।

क्या किसी कमोडिटी की कीमत एक दिन में बढ़ सकती है या गिर सकती है?

हां, अचानक और चरम मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए सर्किट सीमाएं (ऊपरी और निचले) या दैनिक मूल्य सीमाएं (डीपीआर) हैं। जब एक सर्किट सीमा हिट होती है, तो व्यापार को पंद्रह मिनट के लिए रोक दिया जाता है।

कमोडिटी व्यापार क्या होता है?

कमोडिटी ट्रेडिंग दुनिया भर में कमोडिटी एक्सचेंजों में वस्तुओं के व्यवहार की प्रक्रिया है। कमोडिटी को 4 प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है: धातुएँ - चाँदी, सोना, प्लेटिनम, और तांबा, ऊर्जा - कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, गैसोलीन, और तेल गरम करना, कृषि - मक्का, फलियाँ, चावल, गेहूँ, आदि और पशुधन और मांस - अंडे , सूअर का मांस, मवेशी, आदि।

भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?

भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग निम्नलिखित एक्सचेंजों पर की जाती है: मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज (UCX) नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (NMCE) इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX) ACE डेरिवेटिव्स एंड कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड (ACE) भारत में वस्तुओं का व्यापार करने के लिए, आपको एक भरोसेमंद ब्रोकर चुनने और उनके साथ एक डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने की आवश्यकता है। ट्रेडिंग शुरू करने के लिए शुरुआती निवेश राशि का चयन करें। सिमुलेशन पर अभ्यास करना शुरू करें और बाजार की समझ, जोखिम की भूख, पूंजी की उपलब्धता आदि के आधार पर एक व्यापारिक रणनीति बनाएं।

कमोडिटी बाज़ार में निवेश कैसे करें?

कमोडिटी बाजार में निवेश करने का सबसे आम तरीका एक वायदा अनुबंध के माध्यम से है, जो बाद के समय में एक निर्धारित मूल्य पर कमोडिटी की एक विशिष्ट मात्रा को खरीदने या बेचने के लिए एक समझौता है।

कमोडिटी विनिमय क्या है?

कमोडिटी बाजार एक संगठित, विनियमित बाजार है जो वस्तुओं और संबंधित निवेश उत्पादों के व्यापार और विनिमय के लिए मंच, नियम, विनियम और प्रक्रिया प्रदान करता है। कई प्रकार के आधुनिक जिंस एक्सचेंज हैं, जिनमें धातु, ईंधन और कृषि जिंस एक्सचेंज शामिल हैं। ट्रेडर्स ट्रेड फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स एक पूर्व निर्धारित तारीख तक एक सहमति पर वस्तुओं को खरीदने या बेचने के लिए सहमत हैं। भारत में छह कमोडिटी एक्सचेंज हैं, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX), नेशनल कमोडिटीज एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज, इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज, ACE डेरिवेटिव्स एक्सचेंज और यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज।

मैं किस कमोडिटी का व्यापार कर सकता हूँ?

जिन कमोडिटी का व्यापार किया जा सकता है, वे निम्नलिखित 4 श्रेणियों में से किसी एक में हो सकती हैं: • धातु और सामग्री जैसे सोना, चांदी, प्लैटिनम, तांबा, लौह अयस्क, एल्युमिनियम, निकल, जस्ता, टिन, स्टील, सोडा ऐश, दुर्लभ पृथ्वी धातु आदि। • कच्चे तेल, ताप तेल, प्राकृतिक गैस, और गैसोलीन, थर्मल कोयला, वैकल्पिक ऊर्जा जैसी ऊर्जा। • एग्री-कमोडिटी (सोयाबीन, अरंडी के बीज, काली मिर्च, धनिया, हल्दी, चना, उड़द, तोर दाल, कच्चा पाम तेल, मूंगफली का तेल, सरसों के बीज आदि) • तेल सेवाओं, खनन सेवाओं और अन्य जैसी सेवाएं।

कमोडिटी स्पॉट और फ्यूचर्स मार्केट में क्या अंतर है?

कमोडिटी स्पॉट और फ्यूचर्स मार्केट के बीच मुख्य अंतर डिलीवरी की तारीखों और कीमतों में हैं। स्पॉट प्राइस एक स्पॉट कॉन्ट्रैक्ट की वर्तमान कीमत है, जिस पर एक विशेष वस्तु को तत्काल डिलीवरी के लिए निर्दिष्ट स्थान पर खरीदा या बेचा जा सकता है। फ्यूचर्स मार्केट दो पक्षों के बीच एक अनुबंध है, जिसमें एक पक्ष एक निश्चित मूल्य पर एक निश्चित मात्रा में वस्तु या ब्रोकर्ससंबंधित एक्सपोजर वित्तीय उपकरण खरीदने के लिए सहमत होता है, और सामान की डिलीवरी भविष्य में बाद की तारीख (पूर्व-निर्दिष्ट) पर की जाती है। किसी कमोडिटी की फ्यूचर्स प्राइस का निर्धारण उसके वर्तमान स्पॉट प्राइस, डिलीवरी तक के समय, जोखिम मुक्त ब्याज दर और भविष्य की तारीख में स्टोरेज लागत के संबंध में कमोडिटी की कीमत पर किया जाता है।

नए मार्जिन मानकों से छोटे शेयरों पर दबाव

कारोबार पर नए मानकों से मिड-कैप, स्मॉल-कैप और चवन्नी शेयरों पर दबाव पडऩे की आशंका है, क्योंकि पिछले सप्ताह एक्सचेंजों द्वारा मार्जिन के संबंध में जारी किए गए स्पष्टीकरण के बाद इनके लिए जरूरी मार्जिन बढऩे का अनुमान है। पिछले सप्ताह जारी सूचना के अनुसार शेयर ब्रोकरों को अपने ग्राहकों से अग्रिम तौर पर (कैश और डेरिवेटिव, दोनों में) मार्जिन जुटाना होगा।

एक वरिष्ठ शेयर ब्रोकर ने कहा, 'कृत्रिम रूप से बिक्री तैयार करने के लिए डीलरों द्वारा छोटी कंपनियों, खासकर चवन्नी शेयरों में कारोबार देखा गया, क्योंकि अपफ्रंट मार्जिन की कोई व्यवस्था नहीं थी। अब इस कारोबार में गिरावट आएगी।' उनके अनुसार अब ग्राहकों को एक्सचेंज की गणनाओं पर आधारित मार्जिन चुकाने की जरूरत होगी।

विश्लेषकों का मानना है कि तेजी से जुड़े 90 प्रतिशत से ज्यादा चवन्नी शेयरों पर उन ऑपरेटरों की नजर रहती है जो इन कंपनियों के प्रवर्तकों द्वारा दी गई पूंजी का इस्तेमाल करते हैं, न कि किसी मौलिक कारण के लिए। पिछले सप्ताह जारी एक एक्सचेंज गणना के अनुसार, कैश सेगमेंट के लिए, वैल्यू-एट-रिस्क (वीएआर) मार्जिन और एक्सट्रीम लॉस मार्जिन (ईएलएम) कारोबार के अग्रिम तौर पर जुटाना होगा और अन्य मार्जिन स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा मार्जिन कॉल के बाद जुटाया जाएगा। वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) सेगमेंट में अब सदस्यों को ग्राहकों से अग्रिम तौर पर शुरुआती मार्जिन, नेट बाई प्रीमियम, डिलिवरी मार्जिन और एक्सपोजर मार्जिन लेना अनिवार्य है।

प्रभुदास लीलाधर में रिटेल ब्रोकिंग के प्रमुख संदीप राइचुरा ने कहा, 'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां 400-500 शेयरों से ज्यादा के लिए उधारी नहीं दे रही हैं। अब अतिरिक्त मार्जिन जरूरत ब्रोकरों को उधारी के संबंध में मिली रियायत समाप्त कर देगी। इससे खासकर मिड- और स्मॉल-कैप शेयर प्रभावित हो सकते हैं।' राइचुरा का कहना है, 'हालांकि यह पहल दीर्घावधि में फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन अल्पावधि में हम इसमें समस्याएं देख सकते हैं।'

नियामक द्वारा म्युचुअल फंडों के लिए इन शेयरों के वर्गीकरण के बाद मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट पर दबाव पड़ा है। शुरू में शेयरों को लार्ज-, मिड-, या स्मॉल-कैप के तौर पर वर्गीकृत करने के लिए कोई मानक परिभाषा नहीं थी। सेबी द्वारा इन शेयरों को बाजार पूंजीकरण के आधार पर वर्गीकृत किए जाने के बाद यह बदलाव आया। बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में प्रमुख-100 कंपनियों को लार्ज-कैप के तौर पर श्रेणीबद्घ किया गया है, 101 से 250 की रैंकिंग वाली कंपनियां मिड-कैप, और 251 से ऊपर की स्मॉल-कैप हैं।

जीरोधा के मुख्य कार्याधिकारी नितिन कामत ने कहा है, 'सर्कुलरों में कहा गया है कि पूरा शुरुआती मार्जिन व्यापार से पहले अग्रिम तौर पर जुटाने की जरूरत होगी, भले ही यह दिन के कारोबार से संबंधित हो।'

शेयर बाजार में पहली बार निवेश करने से पहले जान लें इन 8 बातों को

सही कौशल (Skill) और ज्ञान (Knowledge) के साथ शेयर बाजार (Stock Exchange) संपत्ति बनाने की एक बड़ी संभावना हो सकती है। स्टॉक निवेश (Stock Investment) से असाधारण रिटर्न अर्जित करने वाले लोगों की कहानियां सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। यदि आप अपने निवेश पर उच्च रिटर्न के लिए इक्विटी में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको केवल इन महत्वपूर्ण सबक का पालन करना होगा।

know these 8 things before investing in the stock market for the first time

शेयर बाजार में पहली बार निवेश करने से पहले जान लें इन 8 बातों को

रस्सी पर चलना सीखना होगा- बेसिक्स समझने होंगे

यह एक यूनिवर्सल नियम है। कुछ नया करने के लिए, बेसिक्स को जानना आवश्यक है। निवेश करना कोई अपवाद नहीं है। सबसे पहले, आपको अप्रेंटिस बनना होगा। वह हर आवश्यक चीज सीखनी होगी, जो सीखना आवश्यक है, क्योंकि ‘नॉलेज ही पॉवर है’। इस बीच, स्टॉक मार्केट, निवेश, और अन्य फाइनेंशियल कंसेप्ट्स के बेसिक्स सीखने के लिए आपको कई सारी जानकारियां जुटानी होंगी। इसमें इंटरनेट आपकी मदद करेगा। आपका डीमैट अकाउंट ऑपरेट करने वाले ब्रोकर से आप पर्याप्त जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

जानें कि कब और कैसे करें अपनी चाल चलना है - परफेक्ट टाइमिंग ही है कुंजी

जब बात निवेश की आती है, तो सही समय ही सब कुछ है। अच्छा आरओआई (Return on Investment) अर्जित करने का आपका मौका ही उस पर टिका है। कहते हैं कि बाजार जब अपने निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हो, तभी प्रवेश करने का सही समय होता है। इसी तरह, जब आप बाहर निकलें तब कीमतें अपने चरम पर होनी चाहिए। लेकिन, हमेशा याद रखें, आपको स्टॉक में पैसा लगाने से पहले तय करना होगा कि उसका चरम क्या होगा। उदाहरण के लिए, यदि आपने किसी विशेष स्टॉक पर 15% रिटर्न का लक्ष्य रखा है, तो उस समय लालची कतई न बनें। इसी तरह का नियम घाटे पर भी लागू होता है। यदि आपको अपने पसंदीदा स्टॉक पर 5% नुकसान का जोखिम उठाने की क्षमता है तो उस स्तर पर इसे बेचने के बारे में दो बार न सोचें।

निवेश से पहले एनालिस्ट की रिपोर्ट देखें - निर्णय बेहतर होगा

जिन कंपनियों में आप निवेश करना चुनते ब्रोकर्ससंबंधित एक्सपोजर हैं, उनके बारे में उचित विकल्प चुनना आवश्यक है। आप हर्ड मानसिकता के साथ मिलकर अपने कदम सुरक्षा के साथ आगे बढ़ सकते हैं। इसके लिए आप पेशेवर ट्रेडर्स और एनालिस्ट की रिपोर्टों को देख सकते हैं। हालांकि, यह नजरिया आपको बाजार के कामकाज पर पकड़ बनाने में मदद कर सकता है। फिर भी आपको निवेश का निर्णय लेने से पहले विवेक का इस्तेमाल करना होगा।

अफवाहों से बचें - यह बेहतर रिटर्न कमाने में मदद करेगा

कई बार, शॉर्ट-टर्म में बाजार और प्रोफेशनल ट्रेडर तत्काल अफवाहों और समाचार के कई स्रोतों के आधार पर व्यवहार करते हैं जो स्टॉक के वास्तविक मूल्य को प्रतिबिंबित नहीं करते। इस तरह की सलाह सोशल मीडिया पर खूब मिलते हैं। एक निवेशक के रूप में आपको यह समझने के लिए लुभाया जा सकता है कि बाकी सभी क्या कर रहे हैं। लेकिन अगर आप, बाजारों और सेक्टर की अपनी समझ से स्टॉक पर लॉन्ग-टर्म अप्रौच लेने में सक्षम हैं, तो यह आपको दूसरों की तुलना में बेहतर रिटर्न कमाने में मदद करेगा।

निवेश राशि सुनिश्चित करें- यह आपके एक्सपोजर को बताएगा

यह जानना आवश्यक है कि आप इक्विटी में अपने लिए कितना एक्सपोजर चाहते हैं। यदि आप एक युवा निवेशक हैं, और आपके पास कम से कम 30 साल की वर्क-लाइफ है, तो लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए अधिक पैसा लगाएं। आप विभिन्न सेक्टरों से संबंधित शेयरों का बड़ा पोर्टफोलियो बना सकते हैं। हालांकि, यदि आपने अपने 50 के दशक में शेयर बाजार में प्रवेश किया है, तो याद रखें, सावधानी रखना बेहद अहम है। स्थिर रिटर्न देने के इतिहास वाले शेयरों पर ही अपना दांव लगाएं।

अपनी गलतियों से सीखें - त्रुटियों से निराश न हों

अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और अपनी गलतियों को नियमित रूप से पहचानें। यह एक्शन आपको भविष्य में वही गलतियां करने से बचने में मदद करेगी। इसके अलावा, अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए, आपको विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करना चाहिए और उस एंटरप्राइज से जितना हो सके उतना सीखना चाहिए। कहते हैं कि अनुभवी पेशेवर भी गलतियां करते हैं। जब आप कोई त्रुटि करते हैं तो निराश न हों। निरंतर सीखना यात्रा का एक हिस्सा है। हर गलती अनुभवी निवेशक बनने की ओर एक कदम है।

अपने वित्तीय लक्ष्यों के बारे में स्पष्ट रहें - शॉर्ट-टर्म या लॉन्ग-टर्म?

निवेश करते समय, आपको अपने लक्ष्य और उस धन को वापस निकालने को लेकर भविष्य में संभावित समय के बारे में स्पष्टता होना चाहिए। यदि आप अपेक्षाकृत कम वर्षों में अपना आरओआई चाहते हैं, तो आपको कम अस्थिर शेयरों में निवेश करना होगा। लेकिन, यदि आप एक लॉन्ग-टर्म योजना बना रहे हैं, जैसे आपके बच्चों की विदेश शिक्षा या ड्रीम होम खरीदना, तो आपको उसके अनुसार निवेश करना होगा।

अपनी व्यक्तिगत जरूरत और वरीयता को जानें

एक निवेशक के रूप में आपको क्षेत्रों और शेयरों पर अंतिम फैसले से पहले अपनी व्यक्तिगत जरूरतों और वरीयताओं के बारे में जानना होगा। आप देखें, सभी कंपनियां लाभदायक नहीं हैं। उस कारण से आपको बहुत समझदारी से चयन करना होगा, और सूचित निर्णय लेना महत्वपूर्ण है। यदि आप पर्याप्त मेहनत के साथ रिसर्च करते हैं, तो निश्चित ही आप एक शानदार शुरुआत कर सकेंगे। यह आपको शेयर बाजार में निवेश के संबंधित जोखिमों को कम करने और विजेता के रूप में सामने आने में मदद करेगा।

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