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क्रिप्टोकरेंसी पर निबंध

क्रिप्टोकरेंसी पर निबंध

क्रिप्टोकरेंसी क्या है यह कैसे काम करती है और उनके प्रकार - Cryptocurrency in Hindi.

इस तेजी से आगे बढ़ रहे Digital World में करेंसी ने भी Digital रूप ले लिया है और इस डिजिटल करेंसी को ही Cryptocurrency कहा जाता है । दुसरे Currencies जैसे की भारत में Rupees, USA में Dollar, Europe में Euro इत्यादि को सरकारें पुरे देश में लागु करते हैं और इस्तमाल में लाये जाते हैं ठीक वैसे ही इन Currency को भी पुरे दुनिया में इस्तमाल में लाया जाता है ।

जैसे की Bitcoin एक क्रिप्टोकरेंसी का ही प्रकार है जिसका नाम आपने अनेको बार सुना है लेकिन ये Cryptocurrency क्या है और इसे कैसे Use किया जाता है इसके Benefits क्या-क्या होते है ऐसे सवालो के जवाब आप इस पोस्ट में जानेगे । तो चलीए विस्तार से जानते है क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसके कितने प्रकार है ।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है.

क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी होती है जिसे 2009 में Introduce किया गया था और पहली Cryptocurrency जो ज्यादा पोपुलर हुई वह Bitcoin ही थी । Cryptocurrency कोई असली सिक्को या नोट जैसी नही होती होती है यानि इस करेंसी को हम रुपए की तरह हाथ में नही ले सकते और ना ही हम इसे अपने जेब में भी रख सकते है लेकिन ये हमारे Digital Wallet में Save रहती है इसे आप Online Currency कह सकते है क्योकि ये केवल Online Exist करती है ।

Bitcoin से होने वाला पेमेंट कंप्यूटर के माध्यम से होता है दोस्तों आप सब जानते है की Rupee, यूरो, डॉलर जैसी Currency पर सरकार का पूरा Control होता है लेकिन क्रिप्टोकरेंसी पर किसी सरकार कोई Control नही होता है । इस Virtual Currency पर सरकारी संस्थान जैसे Central Bank या किसी भी देश की एजेंसी का कोई Control नही होता है यानी Bitcoin कोई ट्रेडिशनल बैंकिंग सिस्टम को नही मानता है बल्कि कंप्यूटर Wallet से दुसरे Wallet तक ट्रांसफर होता रहता है । ऐसा नही है केवल Bitcoin ही ऐसी Cryptocurrency है बल्कि ऐसी 5000+ से भी ज्यादा अलग अलग क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है और कुछ पोपुलर क्रिप्टोकरेंसी है Ethereum, Ripple, Litecoin, Tether और Libra इनपे Invest कर सकते है और इन्हें Bitcoin की तरह आसानी से ख़रीदा या बेचा जा सकता है ।

ये बात अलग है की सबसे ज्यादा पोपुलर Cryptocurrency Bitcoin ही है और ये कितनी पोपुलर Currency है । इसका अंदाज़ा आपको इस बात से लगा जाएगा की अब दुनिया की बहुत सी कंपनियां बित्कोइन पेमेंट Accept करने लगी है और आगे इन् कम्पनीज के नाम पर तेजी से बढ़ेंगे ही ऐसे में Bitcoin का Use करके शौपिंग, ट्रेडिंग, फ़ूड डिलीवरी, TRAVELLING किया जा सकता है । इंडिया में धीरे धीरे ही लेकिन Bitcoin पेमेंट का पोपुलर फॉर्म बनती जा रही है इंडिया में Cryptocurrency की इस Low Speed का कारण Illegal होना था क्योकि cryptocurrency को RBI के द्वारा प्रतिबंधित किया गया था ।

लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधन को हटा दिया है यानी अब इंडिया में Cryptocurrency का इस्तेमाल का legal है इसी कारण इंडिया में भी Cryptocurrency USERS की संख्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है लेकिन इंडिया में Bitcoin का और सब देशो के मुकाबले में इसका प्रचलन कम होने का दूसरा मुख्य कारण ये है की इंडिया में अभी लोग इन Virtual Currency में Invest करने के बजाये FD, RD, Shares में Invest करना ज्यादा पसंद करते है ।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करता है.

क्रिप्टोकरेंसी निम्नलिखित तरीके से काम करता है-

  • ब्लॉकचेन का उपयोग करके लेनदेन सत्यापित किए जाते हैं ।
  • ब्लॉकचैन लेनदेन विकेंद्रीकृत होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे लेनदेन को प्रबंधित करने और रिकॉर्ड करने के लिए कई कंप्यूटरों में फैले हुए हैं ।
  • क्योंकि ब्लॉकचेन लेनदेन कई कंप्यूटरों पर निर्भर करता है ।
  • Centralized Currencies की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य क्या है.

क्रिप्टोकरेंसी Fine Art या रियल स्टेट के समान है। Cryptocurrency की मांग कितनी है, इसके आधार पर Cryptocurrency का मूल्य ऊपर या नीचे आता जाता है।

उदाहरण

  • 2008 की मंदी के दौरान पूरे अमेरिका में आवास की कीमतों में औसतन 33% की गिरावट आई, 2018 तक उन्होंने रिबाउंड किया था और 50% से अधिक की वृद्धि हुई थी।
  • मोनेट गरीब मर गया, भले ही उसके पास बेचने के लिए बहुत सारी पेंटिंग थी, लेकिन अब उसकी एक पेंटिंग की औसत कीमत लगभग 7 मिलियन अमरीकी डालर है।
  • एलोन मस्क द्वारा इसे एक हलचल कहे जाने के बाद, डॉगकोइन, एक क्रिप्टोक्यूरेंसी की कीमत में 35% की गिरावट आई है।

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार.

क्रिप्टोकरेंसी के कुछ महत्वपूर्ण प्रकार निम्नलिखित है-

  • Bitcoin (BTC)
  • Litecoin (LTC)
  • Faircoin (FAIR)
  • Ethereum (ETH)
  • Dogecoin (Doge)
  • Ripple (XRP)
  • Peercoin (PPC)
  • Monero (XMR)
  • Dash (DASH)

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे.

क्रिप्टोकरेंसी के कुछ फायदे आप सब को निचे में बताया गया है-

  • फंड ट्रांसफर करने का एक तेज़ तरीका
  • लेन-देन का लागत प्रभावी तरीका
  • मुद्रा विनिमय आसानी से किया जा सकता है
  • सुरक्षित और निजी
  • स्वशासित और प्रबंधित

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान.

किसी भी चीज का अगर कुछ फायदा है तो उसके कुछ नुकसान भी होता है ठीक उसी प्रकार क्रिप्टो-करेंसी के भी कुछ नुकसान है-

  • अवैध लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है
  • डेटा loss से Financial नुकसान हो सकता है
  • कुछ सिक्के अन्य fiat मुद्राओं में उपलब्ध नहीं हैं
  • पर्यावरण पर खनन के प्रतिकूल प्रभाव
  • हैक के लिए अतिसंवेदनशील
  • कोई धनवापसी या रद्दीकरण नीति नहीं

निष्कर्ष

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को क्रिप्टोकरेंसी के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने क्रिप्टोकरेंसी क्या है, क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार, इसके हानी और लाभ तथा उससे जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में भी जाना मुझे उम्मीद है की आपको यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा।

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Explainer: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश क्या घाटे का सौदा है, जानें एक्सपर्ट की राय?

क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency in India) में ज्यादा रिस्क के बावजूद तेजी से मुनाफा और रिटर्न का मिलता है. इसकी वजह भारत में लोग ऐसी करेंसी में अपना पैसा लगा रहे हैं.

क्रिप्टोकरेंसी में होता है खूब उतार-चढ़ाव (फाइल फोटो: Getty Images)

सरबजीत कौर

  • नई दिल्ली ,
  • 07 अक्टूबर 2021,
  • (अपडेटेड 07 अक्टूबर 2021, 4:54 PM IST)
  • क्रिप्टोकरेंसी भारत में भी लोकप्रिय
  • निवेश के लिए कई प्लेटफॉर्म मौजूद

भारत में पिछले कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है. इसका मुख्य कारण यह है कि अन्य करेंसी के मुकाबले क्रिप्टोकरेंसी में रिस्क के बावजूद निवेश से तेजी से मुनाफा और रिटर्न मिलता है. Bitcoin, Ethereum, Tether, Cardano, Ripple, Polka Dot जैसी कई करेंसी हैं, जहां भारत के लोग अपना पैसा लगा रहे हैं.

आइए जानते हैं कि क्या है क्रिप्टो करेंसी और इसमें निवेश से पहले किन बातों का ध्यान देना जरूरी है? साथ ही यह भी कि एक निवेशक को कितना रिस्क और रिटर्न क्रिप्टों में निवेश से मिल सकता है?

क्या है क्रिप्टोकरेंसी?

पूरे दुनिया के लोगों या फिर यूं कहें की किसी संस्था को असल में अपनी बेसिक जरूरतों को सही तरीके से पूरा करने के लिए और किसी से भी आपसी लेनदेन करने के लिए करेंसी की जरूरत होती है, जिसे हम मुद्रा भी कहते हैं. हर देश की मुद्रा को हम अलग-अलग नाम से जानते हैं. जैसे कि भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर, सऊदी अरब में रियाल, यूरोपीय देशों में यूरो आदि.

लेकिन क्रिप्टोकरेंसी इन मुद्राओं से अलग होती है. क्रिप्टो वो मुद्रा है जिसे आप देख या छू नहीं सकते जो छुपा हुआ होता है. ये एक प्रकार का डिजिटल रुपया है जिसे आप छू नहीं सकते लेकिन रख सकते हैं, वो भी ऑनलाइन. भौतिक रूप से क्रिप्टोकरेंसी का मुद्रण नहीं किया जाता है. पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी लोगों के बीच काफी चर्चा में है. क्रिप्टोकरेंसी कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी हुई है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं और कोई क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल नहीं करता.

यानी बाकी किसी मुद्रा की तरह कोई सरकार इसे संचालित नहीं करती. इसके प्रयोग के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है. साल 2009 में शुरू होने के बाद क्रिप्टो की कीमत अब आसमान को पार कर रही है. यही कारण है कि निवेशकों को क्रिप्टो में काफी रुचि होने लगी है. अब 1000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार हो रहा है.

क्रिप्टोकरेंसी को आप कैसे खरीद या बेच सकते हैं?

आज की तारीख में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को देखते हुए पूरी दुनिया में बहुत सारे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं. क्रिप्टोकरेंसी की खास बात यह है कि इसमें चौबीसोंं घंटे कारोबार होता है. शेयर बाजार की तरह यह हर दिन एक तय समय पर बंद नहीं होता. इसमें निवेश से आप हफ्ते में या दिन में किसी भी समय रकम निकाल, डाल सकते हैं और खरीद-बिक्री कर सकते हैं. भारत में कॉइनस्विच कुबेर, कॉइन्डिसिएक्स, वज़ीरएक्स, ज़ेबपे जैसे प्लैटफॉर्म के नाम से शामिल है जिनके जरिए आप क्रिप्टो में खरीद-बिक्री कर सकते हैं.

इसकी खरीद-बिक्री के लिए प्रक्रिया काफी आसान है. आपको किसी भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की तरह साइन-अप करना होगा. उसके बाद केवाईसी अपडेट कर आपको अपने वॉलेट से उसमें मनी ट्रांसफर करना होगा. साथ ही, क्रिप्टो खरीदारी करने से पहले आप जैसे शेयर्स में स्टॉपलॉस या टार्गेट तय करते हैं उसी प्रकार क्रिप्टो में प्रि-डिसाइड लिमिट तय कर सकते हैं.

आप किसी भी छोटे अमाउंट से खरीद-बिक्री शुरू कर सकते हैं. लेकिन, दिक्कत यह है कि कई बैंक ऐसे एक्सचेंज के साथ काम करने के लिए तैयार नहींं हैं, यही कारण है कि, खरीद-बिक्री में दिक्कत होती है. क्रिप्टो में बैंकों द्वारा पी2पी यानी पर्सन टू पर्सन ट्रांजेक्शन और लेनदेन की प्रक्रिया होती है. क्रिप्टो ट्रांजेक्शन के लिए अभी यूपीआई सपोर्ट नहीं करता, इसलिए पी2पी के जरिए ही लेन-देन किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से आप कुछ खरीद नहीं सकते है. ये सोने और चांदी की तरह आपको वैल्यू क्रिएट और बढ़ाने का एक माध्यम है.

क्रिप्टो में निवेश से पहले किन बातों का रखें ध्यान

क्रिप्टो में निवेश से पहले हमेशा यह ध्यान रहे कि किसी तरह के लालच में आकर ज्यादा पैसे एक साथ न लगाएं. क्रिप्टो एक वोलाटाइल यानी उतार-चढ़ाव वाला एसेट क्लास है. ऐसे में क्रिप्टो में कभी भी बिना किसी चेतावनी के गिरावट देखने को मिल सकती है और भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि, अभी तक क्रिप्टो को लेकर कोई रेगुलेटर नहीं बना, ऐसे में पैसा डूबने का खतरा हो सकता है.

हमेशा किसी ऑथेन्टिक या किसी नामी प्लेटफॉर्म के जरिए ही क्रिप्टो में पैसा लगाएं. सही चुनाव करना बहुत जरूरी है. साथ ही, किसी अच्छे जानकार की मदद लें ताकि आपको ये पता रहे कि आप किस क्रिप्टो में पैसा लगा रहे हैं. फिलहाल सबसे ज्यादा लोग बिटकॉइन खरीद रहे है. लेकिन इसके अलावा बाजार में Ethereum, Cardano, Dogecoin, Ripple और Litecoin जैसे क्रिप्टोकरेंसी में भी आप पैसा लगा सकते हैं.

सबसे अहम बात है कि, बिना सोचे-समझे कभी भी निवेश न करें. आज की तारीख में हर कोई कम समय में ज्यादा कमाने के लिए क्रिप्टो में पैसा लगा रहा है. लेकिन जब तक आपको क्रिप्टो की पूरी जानकारी न हो आप इसमें पैसा न लगाएं. अपनी प्लानिंग हमेशा फैक्ट्स से जोड़ें और तभी निवेश करें.

कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX) के एक्जीक्यूटिव वीपी (ग्रोथ एंड स्ट्रैटेजी) मृणाल ठकराल का मानना है कि-‘क्रिप्टो प्रारंभिक अवस्था में है लेकिन एक उभरता हुआ संपत्ति वर्ग बन गया है. यह देखते हुए कि इस क्षेत्र में कीमतों में उतार-चढ़ाव है, पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को किसी परियोजना में निवेश करने से पहले सावधान रहने की जरूरत है. एक निवेशक को अपना उचित शोध करना चाहिए और परियोजना के विभिन्न पहलुओं को समझना चाहिए. किसी परियोजना के टोकन, टोकनोमिक्स की उपयोगिता जैसे कारकों को समझना और यह समझना कि परियोजना का उद्देश्य किसी विशेष समस्या को कैसे हल करना है, महत्वपूर्ण है. एक निवेशक अपने धन के एक छोटे से हिस्से से शुरुआत कर सकता है और लंबी अवधि की मानसिकता के साथ निवेश कर सकता है.

मुद्रेक्स (Mudrex) के सीईओ एवं को-फाउंडर एडुल पटेल का कहना है कि- ‘किसी भी तरह के एसेट क्लास में निवेश से पहले डाइवर्सिफिकेशन का ध्यान देना जरूरी होता है. हर व्यक्ति के लिए ये जरूरी है कि एक साथ पूरा पैसा कभी भी क्रिप्टो में न लगाएं. कई रिटेल निवेशक आज की तारीख में ये सोचते हैं कि वो क्रिप्टो में पैसा लगाकर बहुत जल्द अमीर बन जाएंगे, तो ऐसा नहीं है. ऐसे निवेशकों को अक्सर भारी नुकसान उठाना पड़ता है. साथ ही, 4-7 फीसदी ही पैसा क्रिप्टो में लगाएं उससे ज्यादा नहीं. अगर किसी व्यक्ति के पास 1000 रुपये हैं तो वो सिर्फ 40 से 70 रुपये ही क्रिप्टो में निवेश करें. रिटर्न की बात करें तो क्रिप्टो में अगर समझदारी से निवेश किया जाए तो एक व्यक्ति हर महीने 4-5 फीसदी तक का रिटर्न प्राप्त कर सकता है. साथ ही, सालाना 60 फीसदी तक का भी रिटर्न मिलने की संभावना होती है.’

बैंक बाजार (bankbazaar) के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक- ‘किसी भी प्रकार के निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च जरूर करें. अगर आप डिजिटल करेंसी में नए हैं तो सबसे पहले ये जानें कि क्रिप्टो करेंसी में डिजिटल की दुनिया में काम कैसे होता है. साथ ही जो ज्यादा नामचीन, अच्छीी करेंसी हैं उसके बारे जानने की कोशिश करें. ऑनलाइन क्रिप्टो कम्युनिटी के लोगों से जुड़ें ताकि आपको सभी क्रिप्टो से जुड़ी खबरों के बारे पता लगता रहे. हमेशा ध्यान दें कि क्रिप्टो करेंसी बहुत वोलाटाइल होता है इसलिए कई बार आपका पैसा एक साथ डूब भी सकता है. कई दिग्गज लोग हैं जिन्होंने एक साथ अपना पैसा बनाया है. ऐसे में हमेशा क्रिप्टोकरेंसी पर निबंध ध्यान से और सोच समझकर पैसा लगाएं.’

रहना होगा सचेत

हालांकि, यह ध्यान रखने की बात है कि बहुत से लोग इस कारोबार के जरिए अपने काले धन को व्हाइट मनी के रूप में बदलते हैं. क्योंकि क्रिप्टो को कोई रेगुलेटर नहीं कंट्रोल करता, इसलिए लोगों के लिए खरीद-बिक्री में बड़ी आसानी होती है.

क्रिप्टो में निवेश घाटे का सौदा नहीं है लेकिन, बिना रिसर्च और जानकारी के करने पर भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इन सबसे हट के देखा जाए तो हमेशा ट्रांजैक्शन करने के लिए क्रिप्टो के पूरे ब्लॉकचेन को समझना पड़ता है. पैसा कमाना कोई बुरी बात नहीं, लेकिन बिना सही जांच, रिसर्च और सलाह से कभी भी किसी भी एसेट क्लास में निवेश नहीं करना चाहिए, चाहे क्रिप्टो करेंसी ही क्यो न हो.

डिजिटल करेंसी; क्रिप्टोकरेंसी बाजार के मूल्य में 100 लाख करोड रुपए से अधिक गिरावट आई है और सिस्टम की कमजोरी सामने आई है

डिजिटल करेंसी; क्रिप्टोकरेंसी बाजार के मूल्य में 100 लाख करोड रुपए से अधिक गिरावट आई है और सिस्टम की कमजोरी सामने आई है

डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी


सरकार के कड़े नियंत्रण एवं पारदर्शिता की मांग उठी है

यह साल वित्तीय बाजारों के लिए मुश्किल साबित हो गई है। खासकर इस वर्ष क्रिप्टोकरंसी में तो भारी गिरावट दर्ज की गई है। क्रिप्टोकरंसी का बाजार मुल्य नवंबर 2021 के 232 लाख करोड़ रुपए से घटाकर 100 लाख करोड़ रुपए पर आ गई है। 17,18 मई को बिटकॉइन लगभग 22 लाख रुपए के आसपास ट्रेडिंग कर रहा है। यह नवंबर को अपने शिखर में से 40% कम हुआ है। एक अन्य क्रिप्टोकरेंसी ईथर की भी बुरी हालात में है। 6 माह पहले क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और प्रमुख क्रिप्टो इंडस्ट्रीज स्टाॅक काॅयनबेस का मूल्य 6.12 लाख करोड़ रुपए था। अब इसका मूल्य 1.8 लाख करोड़ रुपए रह गया है।

अमेरिका सेंट्रल बैंक-फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें बढ़ाने के साथ-साथ शेयर बाजारों में हलचल मची है। क्रिप्टोकरेंसी पर निबंध क्रिप्टोकरेंसी की जबरस्त गिरावट से सिस्टम की कमजोरी सामने आई है। लेकिन स्टेबलकाॅइंस के बाजार के साथ समस्या है। यह क्रिप्टोकरेंसी एक अन्य करेंसी- डॉलर के साथ जुड़ी है। इसका मूल्य के हिसाब से 4 सबसे बड़े स्टेबलकाॅइंन टेरा में गिरावट शुरू हुई थी। इससे टेथर पर दबाव पड़ा है। इस क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य $1 के बराबर है। 12 मई को टेथर का मूल्य 95 सेंट हो गया था। इसके बाद लगभग 70 हजार करोड़ रुपए के टेथर का नगर भुगतान हासिल कर लिया गया है।

एक अन्य स्टेबलकाॅइंन टेरा का मुल्य एक अन्य क्रिप्टोकरेंसी लूना से भी जुड़ा हुआ है। कागजों में यूजर टेरा के $1 को लूना के $1 से बदल सकते हैं। परन्तु, लूना के मूल्य में मई की शुरुआत में ही गिरावट आने लगी थी। अपनी शीर्ष पर लूना का मूल्य 3.10 लाख करोड़ रुपए था। टेरा का मूल्य 1.39 लाख करोड़ रुपए था। अब इसका कोई मूल्य नहीं है। टेरा 10 सेंट पर ट्रेडिंग कर रहा है।

सिस्टम को खतरा हुआ

क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट के बाद सरकार से उनके मामलों में दखल देने की कोई मांग उठी है। क्रिप्टोकरेंसी की तेज हलचल परंपरागत फाइनेंशियल सिस्टम को प्रभावित कर सकती है। उदाहरण के लिए टेथर क्रिप्टो एसेट और परंपरागत एसेट के बीच ट्रेडिंग का मूल्य हिस्सा है। यदि वह ध्वस्त होती है तो गिरावट बहुत बड़ी होगी। परन्तु यूजरों के साथ धोखाधड़ी से बचाने के लिए स्टेबलकाॅइंस के बारे में विश्वसनीय सूचनाएं देने की व्यवस्था जरूरी है। उनकी एसेट का खुलासा होना चाहिए।

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हमारे भारत में “फेक न्यूज़ (Fake News)” क्रिप्टोकरेंसी पर निबंध का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ रहा है, जो की हमारे समाज में होने वाले ‘हिंसा और अस्थिरता’ का मुख्या कारण है। फेक न्यूज़ को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से (व्हाट्सप्प, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम) फैलाया जाता है, हालाँकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इस उद्देश्य बिलकुल भी नहीं बनाया गया था, लेकिन हमारे समाज के कुछ लोगों के द्वारा इसका इस्तेमाल बहुत सी गलत मतलब के लिए किया जाता है, जिनमे फेक न्यूज़ भारत के लिए एक गंभीर समस्या है इसलिए “फेक न्यूज़ को सोशल मीडिया का हथियार भी कहा जा रहा है”।

भारत में ‘क्रिप्टोकरेंसी’। (‘Cryptocurrency’ in India.)

Cryptocurrency in India

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों में उत्साह है और बड़े व्यापारी और निवेशक इसमें निवेश भी करना चाहतें हैं, क्रिप्टोकरेंसी वर्त्तमान में भारत में सफल रहा है और खुदरा निवेशक भी अपने उत्साह के साथ आगे निकल कर आ रहें हैं, भारत में 10 मिलियन से अधिक क्रिप्टो निवेशक होने का अनुमान है और यह संख्या हर दिन बढ़ रही है। लेकिन हमारे देश की सरकार के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करना अवैध घोषित कर दिया गया था और ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ के द्वारा भी सभी बैंको को यह निर्देश दिया गया की ‘क्रिप्टोकरेंसी में काम करने वाले ग्राहकों को बैंकिग सेवा तक पहुंच की अनुमति नहीं दी जाएगी’।

सोशल मीडिया: 21वीं सदी में क्रांति।(Social Media :The Revolution in 21st Century.)

Social Media Thumbnail

‘सामाजिक मीडिया’ (social media) आज के इंटरनेट का एक अभिन्न अंग है जो दुनिया में एक अरब से अधिक लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है। यह एक ऐसा ऑनलाइन मंच है जहाँ सामाजिक मीडिया उपयोग करने वाले लोग अपनी पहुँच और पहचान को समाज में विस्तार करतें हैं और उनके द्वारा बनाये गए अपने प्रोफाइल (निजी सूचनाएं प्रदान करना) को सामाजिक मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सप्प, इंस्टाग्राम) पर प्रसारित करतें हैं, जिससे वह समाज के लोगों के साथ और विस्तार से जुड़ सकें और उनसे बात कर सकें।

कोरोनावायरस:- एक महामारी। (Coronavirus:- The Pandemic.)

coronavirus in city

कोरोनावायरस विषाणुओ (वायरस) का समूह है, जिसे अपनी संख्या को आगे बढ़ाने के लिए जीवित शरीर की कोशिकाओं का सहारा लेना पड़ता है यह एक जूनोटिक बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है और फिर इंसानों से इंसानों में संक्रमित होता जाता है जो कि इंसानों में सामान्य जुकाम से लेकर स्वास तंत्र की गंभीर समस्या पैदा कर सकता है, कोरोनावायरस आमतौर पर हमारे अंदर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है जिससे व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है, और यह हमारे इम्यून सिस्टम को भी नुकसान पहुंचाती है जिसके कारण इंसान की मौत भी हो सकती है। कोरोनावायरस के वायरस का नाम ‘सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम’ है जिसे हम (सार्स कोव-2) कहते हैं और ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ के द्वारा इस बीमारी का नाम “कोविड-19” (कोरोनावायरस डिजीज 2019) रखा गया है।

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