बाइनरी वैकल्पिक व्यापार की मूल बाते

विदेशी मुद्रा वेब व्यापारी

विदेशी मुद्रा वेब व्यापारी

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42)

संसद इस अधिनियम जून, 2000 को केंद्र सरकार के 1 दिन अस्तित्व में आया विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 की जगह के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 अधिनियमित किया है। उक्त अधिनियम के तहत मामलों की जांच के ऊपर लेने के उद्देश्य के लिए, निदेशक और अन्य अधिकारियों के साथ प्रवर्तन निदेशालय की स्थापना की है।

अधिनियम की वस्तु को मजबूत करने और विदेशी व्यापार और भुगतान को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य के साथ और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के व्यवस्थित विकास और रखरखाव को बढ़ावा देने के लिए विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून में संशोधन करने के लिए है।

यह अधिनियम पूरे भारत में फैली हुई है विदेशी मुद्रा वेब व्यापारी और यह भी लागू होते हैं भारत में निवासी व्यक्ति विदेशी मुद्रा वेब व्यापारी के स्वामित्व या नियंत्रण भारत से बाहर सभी शाखाओं, कार्यालयों और एजेंसियों के लिए लागू होता है। यह इस अधिनियम विदेशी मुद्रा वेब व्यापारी के लागू होता है जिसे करने के लिए किसी भी व्यक्ति द्वारा भारत के बाहर प्रतिबद्ध किसी उल्लंघन के लिए भी लागू होता है।

इकोनॉमिक्स शब्दावली: क्या है व्यापारी बैंक, व्यतिक्रम, वित्तीय संस्थान, वित्तीय नीति और विदेशी मुद्रा?

व्यतिक्रम/चूक (Default): नियत तिथि पर ट्टण और ब्याज का भुगतान नहीं कर पाना। ऋण ये किसी अतंर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान से सरकार द्वारा लिए गए ऋण भी हो सकते हैं। इस प्रकार ऋणी की विश्वसनीयता या ‘साख’ पर आँच आती है।

वित्तीय संस्थान (Financial Institution): बचतों के संग्रह और प्रयोजन या आबंटन से जुड़े संस्थान। इनमें व्यावसायिक, सहकारी और विकास बैंक तथा निवेश संस्थान सम्मिलित हैं।

वित्तीय नीति (Fiscal Policy): आर्थिक गतिविधियों के नियमन के लिए करों तथा सरकारी व्यय का प्रयोग।

विदेशी विनिमय /विदेशी मुद्रा (Foreign Exchange): अन्य देशों की मुद्रा या बाँड या अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों के माध्यम से आया विदेशी निवेश। इस प्रकार के निवेश के साथ किसी पफर्म के प्रबंध और नियंत्राण में निवेशक फर्मों/व्यक्तियों का कोई हस्तक्षेप नहीं हो पाता।

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी, एक हफ्ते में 8 अरब डॉलर घटा रिजर्व

भंडार पिछले साल सितंबर की शुरुआत में 642 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा वेब व्यापारी ऊपर पहुंच गया था. इस दौरान यानि 11 महीने से कम वक्त में भंडार 63 अरब डॉलर घट चुका विदेशी मुद्रा वेब व्यापारी है.

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी, एक हफ्ते में 8 अरब डॉलर घटा रिजर्व

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा

Updated on: विदेशी मुद्रा वेब व्यापारी Jul 15, 2022 | 7:45 PM

डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी और मंदी की आशंका की वजह से विदेशी निवेशकों के द्वारा बाजारों से पैसा निकालने का असर देश के खजाने पर देखने को मिल रहा है. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex reserves) में ताजा आंकड़ों के हिसाब से तेज गिरावट देखने को मिली है. 8 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 8 अरब डॉलर घट कर रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार घट कर 580 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया है. इससे पहले 1 जुलाई के हफ्ते में भंडार 5 अरब डॉलर से ज्यादा घटा है. भंडार पिछले साल सितंबर की शुरुआत में 642 अरब डॉलर के ऊपर पहुंच गया था. इस दौरान यानि 11 महीने से कम वक्त में भंडार 63 अरब डॉलर घट चुका है.

क्यों आई विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार भंडार में गिरावट एफसीए यानि फॉरेन करंसी एसेट में आई कमी की वजह से रही है. हफ्ते के दौरान एफसीए 6.65 अरब डॉलर घट कर 518 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा है. वहीं गोल्ड रिजर्व में भी 1.236 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली है. मंदी के संकेतों की वजह से विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी बाजार से अपना निवेश बाहर निकाल रहे हैं इससे रुपये पर दबाव पड़ रहा है वहीं रिजर्व बैंक भी रुपये पर दबाव कम करने के लिए लगातार हस्तक्षेप कर रहा है. जिससे रिजर्व पर असर देखने को मिली है. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक फरवरी के बाद से रिजर्व बैंक रुपये में तेज गिरावट को रोकने के लिए 52 अरब डॉलर की करंसी सिस्टम में बढ़ा चुका है.

रिजर्व घटने का क्या होगा असर

दुनिया भर में संकट में आने वाली अर्थव्यवस्थाओं के पास विदेशी मुद्रा भंडार की कमी थी, जिसकी वजह से वो बढ़ते फ्यूल प्राइस का बोझ सह नहीं पाईं. साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार के घटने से श्रीलंका जैसी अर्थव्यवस्था के केंद्रीय बैंक घरेलू करंसी को भी संभालने के लिए वो कदम नहीं उठा सके जैसे कदम रिजर्व बैंक ने उठाए है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार फिलहाल देश के 10 महीने से ज्यादा के आयात बिल के बराबर है. सरकार की माने तो विदेश व्यापार को लेकर कोई चिंता की बात नहीं है. वहीं सरकार का अनुमान है कि आने वाले समय में स्थिति और आसान होगी. दरअसल रिजर्व बैंक ने 6 जुलाई को ही विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढ़ाने के लिए नियम सरल किये थे. इन नियमों का असर अगले कुछ हफ्तों में देखने को मिल विदेशी मुद्रा वेब व्यापारी सकता है. इसके साथ ही कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे आ गई हैं. इससे भी बोझ कम होने की उम्मीद है. वहीं अक्टूबर के बाद से महंगाई में भी नरमी की उम्मीद है.

भारतीय मुद्रा का अंतरराष्ट्रीयकरण: रिजर्व बैंक ने रुपये में विदेशी व्यापार की अनुमति दी

अजय बग्गा ने बताया कि जब भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार बहुत ज्यादा नहीं था, उस वक्त रूस ने हमें यह सुविधा दे रखी थी. रूस के साथ हमारा कारोबार रुपये में होता था. अगर सामने वाला देश रुपये में व्यापार करने के लिए विदेशी मुद्रा वेब व्यापारी तैयार हो जाता है, तो यह भारत के लिए अच्छी बात होगी.

रिजर्व बैंक ने रुपये में विदेशी व्यापार की अनुमति दी

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए बैंकों को भारतीय मुद्रा (Indian Currency) में आयात एवं निर्यात (Import and Export) के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने का निर्देश दिया है. इसे भारतीय मुद्रा के अंतरराष्ट्रीयकरण के रूप में देखा जा रहा है. बाजार के एक्सपर्ट अजय बग्गा (Ajay Bagga) ने कहा कि अगर दुनिया के अन्य देश रुपये को इतना महत्व दे रहे हैं, तो आने विदेशी मुद्रा वेब व्यापारी वाले दिनों में रुपये में मजबूती आने की उम्मीद है.

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